अंगोला की सुंदरी ने जीता मिस यूनिवर्स
१३ सितम्बर २०११नई मिस यूनिवर्स लैला लोपेज ने उम्मीद जताई है कि उनकी जीत उनके देश के युद्ध और गरीबी के इतिहास से आगे बढ़ने में उनकी मदद करेगी. जब साओ पोलो में उन्हें ताज पहनाया गया तब दुनिया में कई जगह मंगलवार की सुबह आ चुकी थी.
लोपेज ने कहा, "मैं अपने लोगों की मदद के लिए पहले ही बहुत कुछ कर चुकी हूं. मैंने बहुत से सामाजिक कामों में हाथ बंटाया है. मैं गरीब बच्चों के साथ काम करती हूं. एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में मदद करती हूं. बुजुर्गों के लिए काम करती हूं. और वह सब करती हूं जिसकी मेरे देश को जरूरत है. और अब मैं मिस यूनिवर्स हूं तो मुझे उम्मीद है कि मैं और ज्यादा कर पाऊंगी."
सवालों के जवाब में लोपेज ने कहा कि उन्होंने कभी कॉस्मेटिक सर्जरी नहीं कराई. जब उनसे खूबसूरती के राज पूछे गए तो उन्होंने कहा, "खूब सारी नींद. धूप न हो तब भी सन स्क्रीन का इस्तेमाल. और खूब सारा पानी." लोपेज के मुताबिक मिस यूनिवर्स मुकाबले के दौरान उनकी मुस्कुराहट उनका सबसे मारक हथियार था.
लोपेज उन चुनिंदा अश्वेत सुंदरियों में हैं जिन्होंने मिस यूनिवर्स का ताज पहना है. नस्लवाद के बारे में वह कहती हैं, "नस्लवादियों को मदद की जरूरत है. 21वीं सदी में भी इस तरह से सोचना सामान्य नहीं है."
लोपेज अंगोला की पहली विजेता हैं. उन्होंने यह खिताब जीतने के लिए 88 देशों की सुंदरियों को मात दी. 60वें मिस यूनिवर्स मुकाबले को जीतने के बाद पिछले साल की सुंदरी मेक्सिको की शिमेना नवारेते ने उन्हें ताज पहनाया.
जब वह पहले पांच में पहुंचीं तो उन्होंने जजों के सवालों के जवाब बड़ी तेजी से दिए. उनसे पूछा गया कि अगर मौका मिले तो वह अपने बाहरी रूप में से क्या बदलना चाहेंगी. उनका जवाब था, "ईश्वर का शुक्र है कि मैं अपने आप से संतुष्ट हूं. जैसा ईश्वर ने मुझे बनाया है, उसमें से मैं कुछ भी बदलना नहीं चाहूंगी. मैं खुद को ऐसी औरत मानती हूं जिसे भीतरी खूबसूरती मिली है. मुझे अपने परिवार से बहुत से संस्कार मिले हैं और मैं पूरी जिंदगी उन पर चलने की कोशिश करूंगी."
मुकाबले में दूसरे नंबर पर यूक्रेन की 23 वर्षीय ओलेसिया स्टीफांको रहीं. तीसरा नंबर ब्राजील की प्रिसिला माचादो को मिला. चौथे और पांचवें नंबर पर फिलीपींस और चीन की सुंदरियां रहीं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम