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अंगदान बढ़ाने के लिए जर्मनी में नया कानून

२५ मई २०१२

जर्मनी में अंग प्रत्यारोपण के लिए अंगों के अभाव में हर साल हजारों मरीज मर जाते हैं. बहुत से लोग विदेशों में गैरकानूनी प्रत्यारोपण कराते हैं. नए अंगदान कानून की मदद से अंगों का दान करने वालों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है.

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तस्वीर: dapd

जर्मनी में इस समय 12,000 लोग अंग प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे हैं. उनमें से हर दिन अंग उपलब्ध नहीं होने के कारण 3 लोगों की मौत हो रही है. लंबी बहस के बाद संसद ने लोगों की सहमति का इंतजार करने के बदले उनसे बार बार अंगदान के बारे में राय पूछने का फैसला किया है. इस समय सिर्फ 25 फीसदी लोगों के पास अंगदान कार्ड है.

Infografik Organ Donation in Germany

जर्मन संसद द्वारा पास नए कानून का लक्ष्य अंगदान की तैयारी को बढ़ावा देना है. अब 16 साल से ज्यादा उम्र के सभी जर्मन नागरिकों को चिट्ठी लिखकर यह पूछा जाएगा कि क्या वे मरने के बाद अपना अंग दान करने के लिए तैयार हैं. पूछने का काम सार्वजनिक और गैर सरकारी स्वास्थ्य बीमा कंपनियां करेंगी. वे बीमाधारकों को इस संबंध में सूचना सामग्री भेजेंगी और अंगदान कार्ड भी.

संसद में सभी दलों की पहलकदमी पर पास कानून को व्यापक समर्थन मिला. बिल को वामपंथी डी लिंके और ग्रीन पार्टी के अलावा एफडीपी का भी पूरा समर्थन नहीं मिला. इस पर मतदान के लिए व्हिप जारी नहीं किया गया था.

विपक्षी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने बिल का समर्थन करते लोगों से मानवीय भावना और एकजुटता दिखाने की अपील की. अंगदान करने वाले प्रसिद्ध लोगों में वे स्वयं भी शामिल हैं. उन्होंने अपनी एक किडनी अपनी पत्नी को दान में दी है. सत्ताधारी सीडीयू संसदीय दल के नेता फोल्कर काउडर ने कहा कि उन्हें ऐसा लगा है कि लोगों से अंगदान की पर्याप्त मांग नहीं की गई है. इस कानून के साथ बिना दबाव बनाए हुए ऐसा किया जा रहा है.

Bundestag Organspende Transplantationsgesetz Neuregelung Steinmeier
श्टाइनमायरतस्वीर: dapd

कुछ साल में बीमाधारकों के कार्ड में अंगदान की सूचना डाली जा सकेगी. डी लिंके और ग्रीन सांसदों ने डाटा सुरक्षा की चिंता जताई है, लेकिन उनके संशोधनों को बहुमत ने ठुकरा दिया. आम लोगों को अंगदान के बारे में जरूरी जानकारी देने के लिए अस्पतालों में प्रत्यारोपण अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. वह अंगदान करने वालों में जरूरी जानकारी और मदद देगा. जीवनकाल अंगदान करने वाले लोगों को अंग पाने वाले मरीज की बीमा कंपनी जरूरी मदद देगी.

इस कानून के पास होने से लोग अपने जीवनकाल में ही अंगदान कर पाएंगे और मरने के बाद उनके रिश्तेदारों को ये जिम्मेदारी नहीं ढोनी होगी. कोमा वाले मरीजों के मामले में अंगदान की सहमति रिश्तेदारों से ली जाती है. और वे अक्सर इस हालत में नहीं होते कि कोई फैसला ले सकें.

एमजे/एएम (डीपीए, रॉयटर्स)

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