2022 वर्ल्ड प्रेस फोटो अवॉर्ड की विजेता तस्वीरें
कहीं तबाही मचाने वाली आग तो कहीं हर चीज को छेड़ने पर उतारू इंसान, देखिए अगल अलग श्रेणियों में 2021 को समेटने वाली कुछ तस्वीरें.
वर्ल्ड प्रेस फोटो ऑफ द ईयर
कनाडा की फोटोजर्नलिस्ट एम्बर ब्रैकन की यह तस्वीर उन बच्चों की कहानी है, जिन्हें उनके मां बाप से जबरन छीनकर सरकारी स्कूलों में भर्ती किया गया. कनाडा में साम्राज्यवाद के विस्तार के दौरान मूलनिवासियों को जाहिल करार देते हुए उनसे बच्चे जबरन छीने गए. ऐसे ही एक स्कूल के कैम्पस में 2021 में खुदाई के दौरान 215 बच्चों के अवशेष मिले.
वर्ल्ड प्रेस फोटो स्टोरी ऑफ द ईयर
ऑस्ट्रेलिया में सैकड़ों साल से मूल निवासी प्राकृतिक इलाकों में नियंत्रित रूप आग लगाते आए हैं. हिसाब से लगाई जाने वाली इस आग के बाद जंगलों में बड़ी आग की घटनाएं बहुत कम होती हैं. इस प्रैक्टिस से कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आती है. मूल निवासियों के साथ घूमते समय फोटोजर्नलिस्ट मैथ्यू एबट ने यह तस्वीर ली.
वर्ल्ड प्रेस फोटो लॉन्ग टर्म प्रोजेक्ट
इस तस्वीर का शीर्षक है, "एमाजोनिया डिस्टोपिया." यह ब्राजील के फोटोग्राफर लालो दे अलमाइदा के कैमरे से निकली है. तस्वीर ब्राजील में बोलसेनारो के राष्ट्रपति बनने के बाद से एमेजॉन के जंगलों में मची तबाही को दर्शाती है. इस जगह पर कभी घना वर्षावन हुआ करता था, अब यहां बड़ी खदान है.
वर्ल्ड प्रेस फोटो- ओपन फॉरमेट
"ब्लड इज ए सीड" वीडियो प्रोजेक्ट के तहत इक्वाडोर की इसादोरा रोमेरो, अपने पुरखों की उस जानकारी को तलाश रही हैं, जो गुम हो चुकी है. रोमेरो के दादा और परदादा बीजों के रक्षक थे. रोमेरो जबरन कराए गए विस्थापन, साम्राज्यवाद और खो चुके विरासती ज्ञान को दर्शना चाहती हैं.
फोटो स्टोरी- अफ्रीका
एक बार फिर नाइजीरिया में इस्लामी आतंकवादी संगठन बोको हराम ने स्कूली बच्चों को अगवा किया. 2014 में ऐसी ही वारदात के बाद #BringBackOurGirls कैंपन शुरू किया गया. लेकिन नाइजीरिया में आज भी बच्चों का अपहरण हो रहा है. सोदिक अदेकालुनक की इस तस्वीर में दिख रही बच्ची, देश कि 1.2 लड़कियों में से एक है जो स्कूल जाने से घबराती हैं.
सिंगल्स- एशिया
यह तस्वीर फामिता शबाई ने गजा पट्टी में संघर्ष विराम के दौरान ली. 10 मई 2021 को इस्राएल और फलीस्तीन का तनाव येरुशलम समेत कई शहरों में फैल गया. 2014 गजा युद्ध के बाद यह सबसे भीषण संघर्ष था. यूनिसेफ के मुताबिक इस संघर्ष के कारण 5 लाख बच्चों को मनोचिकित्सकीय मदद की जरूरत है.
स्टोरीज- एशिया
अगस्त 2021 में अफगानिस्तान फिर से तालिबान के नियंत्रण में चला गया. काबुल का एरियान सिनेमा तुरंत बंद कर दिया गया. लेकिन इस सिनेमा हॉल के कुछ कर्मचारी अब भी हर दिन हॉल का चक्कर काटते हैं. सिनेमा हॉल में काम करने वाले गुल मोहम्मद की यह तस्वीर डच फोटोग्राफर ब्राम यानसेन ने ली. तस्वीर अफगानिस्तान में कला के सूने भविष्य को दर्शाती है.
सिंगल्स- यूरोप
यह तस्वीर कॉन्स्टानटिनोस तसाकालिदिस ने ब्लूमबर्ग न्यूज के लिए ली. फोटो, ग्रीस के इविया द्वीप पर अगस्त 2021 में लगी आग की विभीषिका को सामने रखती है. तस्वीर में दिख रहीं 81 साल की बुजुर्ग महिला, अपने घर तक पहुंचती आग को देख लाचर हैं.
लॉन्ग टर्म प्रोजेक्ट- एशिया
इंडोनेशिया के जंगलों में बीते कुछ सालों में खूब आग लगी है. इससे निकले धुएं ने देश के बड़े इलाके का दम भी घोंटा है. फोटोग्राफर अब्रियानस्याह लिबेर्टो ने यह तस्वीर अपनी सीरीज 'हेज' के लिए ली है. लिबेर्टो के घर के आस पर प्राकृतिक इलाके को तबाह कर बड़ी संख्या में तेल के लिए ताड़ की खेती शुरू की गई.
सम्मान के खातिर- उत्तरी अमेरिका
अमेरिका में आज भी अफ्रीकी मूल की कई महिलाएं प्रसव के दौरान मारी जाती हैं. अफ्रीकी मूल की कुछ महिलाओं को नस्लभेद के चलते स्वास्थ्य ढांचे पर भरोसा नहीं है. ऐसे में वे घर पर दाई की मदद से बच्चे को जन्म देने का फैसला करती है. ऐसी ही एक मां की ये तस्वीर फोटोग्राफर सारा राइनगेविर्ट्ज ने कैप्चर की. (रिपोर्ट: सुजाने कॉर्ड्स)