पेंटिंग्स जो ईरान देख नहीं पाया
तेहरान की कलाकार होमा अरकानी की कला ईरानी औरतों की जिंदगी दिखाती है. अरकानी ने औरतों का अक्स कुछ ऐसे पेश किया कि लोगों को दिक्कत होने लगी. आप भी देखिए...
प्लास्टिक सर्जरी की दीवानगी
ईरान में महिलाओं में प्लास्टिक सर्जरी को लेकर क्रेज बढ़ा है. हर साल 60 हजार से ज्यादा महिलाएं नाक की सर्जरी कराती हैं.
परंपरा और आधुनिकता में कैद
आधे चेहरे पर जोकर दिखाता है कि महिलाएं बीच में फंसी हुई हैं. वे न परंपराओं में कैद रह पा रही हैं न आधुनिकता की उड़ान भर पा रही हैं.
लापता
ईरान की एक युवती की उम्मीदें और डर. दोनों के बीच उनका वजूद लापता होता जा रहा है.
जकड़न
शहरों में लड़कियां फैशन करना चाहती हैं पर नियम नहीं करने देते. नियम और इच्छा के बीच की जकड़न है.
पश्चिम की पूजा
ईरान की महिलाएं जो सैटेलाइट टेलीविजन पर देखती हैं, उस पश्चिम की चाह उन्हें खींचती है. वैसा ही हो जाने की इच्छा जगती है.
सुपरमॉडल
पश्चिमी सुपरमॉडल जैसा हो जाने की चाह ईरानी लड़कियों के भीतर करवटें लेती रहती है. मोबाइल फोन और इंटरनेट उनकी चाह को पंख देते हैं.
खुश लेकिन उदास
अरकानी फोटोग्राफर भी हैं. उन्होंने फैशन फोटोग्राफी की है. बताती हैं कि फोटो खिंचाते हुए लड़कियां मुस्कुराती हैं पर अंदर से उदास होती हैं.
बंद करनी पड़ी प्रदर्शनी
अरकानी की प्रदर्शनी बंद करनी पड़ी क्योंकि उन्हें धमकियां मिलने लगी थीं. अब वह अपनी निजी प्रदर्शनी ही करती हैं.
पहचान का संकट
अपनी पेंटिंग्स में अरकानी नई पीढ़ी के संकट को दिखाती हैं. नई पीढ़ी पहचान के संकट से गुजर रही है. खुद की पहचान को लेकर निश्चित नहीं हो पा रही है.
अंतर्विरोध
अरकानी इस्लामिक रिपब्लिक के सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन में मौजूद अंतर्विरोधों को दिखाती हैं. और उनका मुख्य विषय है युवाओं का मन.