बीजेपी को वोट देने पर महिला को घर से निकालकर तलाक की धमकी
२१ मार्च २०२२डीडब्ल्यू से बातचीत में उजमा ने बताया, "10 मार्च को जब विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया तो घर में बात होने लगी कि बीजेपी तो फिर से चुनाव जीत गई. मैंने हंसते हुए कहा कि क्यों नहीं जीतेगी. बीजेपी ने तो सभी को राशन दिया है, घर दिया है तो लोग वोट भी देंगे. मैंने खुद बीजेपी को वोट दिया है. इसे सुनकर मेरे पति और उनके मामा नाराज हो गए और गुस्से में आकर मुझे घर से बाहर कर दिया. यह भी कहने लगे कि देखते हैं कि योगी-मोदी तुझे तीन तलाक से कैसे बचाते हैं.”
उजमा ने बताया कि घर से निकाले जाने के बाद वो ‘मेरा हक' फाउंडेशन नाम की एक गैरसरकारी संस्था के पास गई और मदद की गुहार लगाई. संस्था की प्रमुख फरहत नकवी ने डीडब्ल्यू को बताया कि हमने पहले तो महिला के पति से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन लगातार बंद जा रहा है. उसके बाद कानूनी कार्रवाई के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है.
उजमा के मुताबिक, उनकी शादी एक साल पहले ही पड़ोस में रहने वाले एक युवक तसलीम अंसारी से हुई थी और दोनों ने प्रेम विवाह किया था. महिला के मुताबिक, "हमारा रिश्ता बिल्कुल अच्छा चल रहा था और जिस दिन ये बात हुई उस दिन भी मैंने हंसी में ही यह बात कही थी. लेकिन अचानक मेरे पति मुझसे नाराज हो गए और अपने मामा के साथ उन्होंने घर से ही निकाल दिया. मैंने काफी कोशिश की ऐसा न करें लेकिन वो माने नहीं.”
उजमा के मुताबिक उनके पति तसलीम अंसारी के मामा तैयब किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए हैं और चाहते थे कि परिवार के सभी सदस्य वहीं वोट दें. इस मामले में तसलीम अंसारी और तैयब से बात करने की कोशिश हुई लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. वहीं तसलीम अंसारी की मां का कहना है कि उन लोगों ने तसलीम को पिछले चार महीने से घर के बेदखल कर रखा है और वो दोनों अलग रह रहे थे.
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तसलीम अंसारी की मां परवीन का कहना है, "हम लोग इन दोनों से परेशान हो गए थे और चार महीने पहले ही इन्हें घर से निकाल दिया था. जब वो हमारे पास रह ही नहीं रही है तो हम क्यों कहेंगे कि किसे वोट दो या किसे न दो. ये सब खाली अफवाह फैला रही हैं, इसमें कोई सच्चाई नहीं है.”
वहीं बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह का कहना है कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच-पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. एसएसपी ने डीडब्ल्यू को बताया, "थाना बारादरी का मामला है ये. महिला का आरोप है कि एक खास पार्टी को वोट देने के कारण उसे घर से निकाल दिया गया है और तलाक की धमकी दी गई है. महिला के ससुराल वालों का आरोप है कि वो बेटे और बहू को चल-अचल संपत्ति से बेदखल कर चुके हैं. पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. मामले की जांच की जा रही है उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.”
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तसलीम अंसारी और उनका परिवार जिस इलाके में रहता है वो बरेली सदर विधानसभा सीट के तहत आता है. यहां 14 फरवरी को वोट डाले गए थे और 10 मार्च को आए परिणामों में बीजेपी के अरुण कुमार की जीत हुई थी. उन्होंने समाजवादी पार्टी की सुप्रिया ऐरन को हराया था. बरेली जिले की नौ विधानसभा सीटों में से सात पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी जबकि तीन सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में गई थीं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी नौ सीटें बीजेपी ने जीती थीं.
एक अगस्त 2019 को तीन तलाक कानून लागू होने के बाद पहली एफआईआर यूपी के बरेली जिले में ही दर्ज हुई थी और वह भी इसी इलाके में जिस इलाके में उजमा ने एफआईआर दर्ज कराई है. बारादरी थाने के एजाजनगर गौटिया के रहने वाले मोहम्मद आसिफ की पत्नी ने अपने पति और उनके मां-बाप के खिलाफ 29 सितंबर को एफआईआर दर्ज कराई थी कि दहेज न देने के कारण उन्हें पहले मारा पीटा गया, उसके बाद तलाक दे दिया गया. पुलिस ने केस दर्ज करके अगले ही दिन आसिफ को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.