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समाजयूरोप

एक फ्रांसीसी द्वीप बनेगा दुनिया का डिजिटल अड्डा

८ जनवरी २०२२

हिंद महासागर में फ्रांस सरकार के अधीन रीयूनियन द्वीप को दुनिया का एक बड़ा डिजिटल केंद्र बनाने की योजना है. ये दुनिया का छठा डिजिटल सेंटर होगा. डिजिटल कंपनियों के एक समूह का दावा है कि स्थानीय बेरोजगारी कम होगी.

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डिजिटल हब बन रहा है फ्रांस का रियूनियन
डिजिटल हब बन रहा है फ्रांस का रीयूनियनतस्वीर: Lisa Louis/DW

फ्रांस का रियूनियन द्वीप, हिंद महासागर में अपने स्वर्गिक तटों और हरे-भरे लैंडस्केपों के लिए विख्यात है. इस द्वीप का करीब 42 फीसदी हिस्सा यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में शामिल है. लेकिन ये द्वीप जल्द ही किसी और चीज के लिए प्रसिद्धि हासिल करने वाला है.

डिजिटल कंपनियों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह की योजना इस द्वीप को दुनिया का एक बड़ा डिजिटल केंद्र बनाने की है. इन योजनाओं से स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी में एक हद तक कमी आ सकती है. पहला चरण 2021 के वसंत में पूरा हुआ था. इसके तहत द्वीप को एक सुपर-फास्ट इंटरनेट केबल के जरिए मेडागास्कर, मॉरीशस और साउथ अफ्रीका से जोड़ा गया था. 24 टेराबाइट क्षमता वाली ये केबल, रियूनियन द्वीप में मौजूदा इंटरनेट कनेक्शनों से 24 गुना ज्यादा तेज है.

रियूनियन स्थित समूह ओसइंडे के सीईओ नासिर गाउलामाले ने डीडब्ल्यू को बताया कि "रियूनियन द्वीप का इंटरनेट, देश का दूसरा सबसे तेज रफ्तार वाला इंटरनेट है और करीब-करीब राजधानी पेरिस जितना द्रुत है.” ओसइंडे की सहायक कंपनी जियोप ने फ्रांस के अपने व्यापारिक सहयोगियों केनाल प्लस और एसएफआर, मॉरीशस के अपने सहयोगियों सीईबी फाइबरनेट और एमटेल और मेडागास्कर की टेल्मा कंपनी के साथ मिलकर मेटिस्स नाम के नये केबल में पांच करोड़ यूरो (57 मिलियन डॉलर) का निवेश किया है. 

इन कंपनियों का ये समूह, रियूनियन द्वीप से भारत को जोड़ने के लिए एक दूसरे केबल पर 12 करोड़ खर्च करने की योजना बना रहा है. इसके अलावा, द्वीप में बहुत सारे विशाल डाटा सेंटर बनाए जाएंगे. गाउलामाले का कहना है कि "हम कंपनियों को एक अरब यूरो तक का खर्च करने के लिए तैयार कर रहे हैं और बहुत सारे इच्छुक निवेशकों से हमारी बातचीत चल रही है.”

हाई स्पीड इंटरनेट की तैयारियां करती कंपनी
हाई स्पीड इंटरनेट की तैयारियां करती कंपनीतस्वीर: Sandy Palenzuela

हिंद महासागर के बीचोबीच यूरोप की मौजूदगी

गाउलामाले का कहना है कि अपने डाटा हब यानी डाटा केंद्र के रूप में रियूनियन द्वीप को चुनने के लिए इंटरनेट कंपनियों को ज्यादा दिमाग खपाने की जरूरत नहीं है. यहां तक कि गाफा कहलाने वालीं सबसे विशाल कंपनियों को भी नहीं. गाफा यानी जीएएफए- गूगल, एप्पल, फेसबुक और अमेजॉन. गाउलामाले के मुताबिक "दुनिया में इस समय पांच बड़े डाटा केंद्र हैं - दो अमेरिका में, दो एशिया में और एक फ्रांसीसी शहर मारसे में. लेकिन हिंद महासागर में एक खालीपन है- और रियूनियन द्वीप उसे मुकम्मल तौर पर भर सकता है.” आखिरकार ये द्वीप है तो यूरोप का हिस्सा ही. उनके मुताबिक "इसका मतलब ये है कि कंपनियां डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर यूरोपीय पैमानों पर भरोसा कर सकती हैं. इसके अलावा उन्हें बड़ा ही काबिल स्टाफ मिलेगा और बेहतरीन स्वास्थ्य देखरेख मिलेगी.” 

इस द्वीप की क्षमताओं और खूबियों ने, रियूनियन स्थित लॉजिप्रेन कंपनी की सीईओ और संस्थापक ब्रीएट्रिस गुजों का दिल पहले ही जीत लिया है. लॉजिप्रेन, नवजात शिशुओं की दवाओं की खुराक की सटीक मात्रा की गणना का डिजिटल प्लेटफॉर्म है. पेशे से बाल रोग विशेषज्ञ बीएट्रिस ने 2016 में ये कंपनी बनाई थी. अपनी पूर्व नौकरी में उन्होंने देखा था कि किस तरह बच्चों को दी जाने वाली हर छठी खुराक उनके लिए विषैली बन जाती है. उन्होंने डीडबल्यू को बताया, "अपने सहयोगी के साथ मैंने अपने कंपनी को जानबूझकर रियूनियन द्वीप में स्थापित किया. यहां इंटरनेट स्पीड बहुत तेज है. अच्छे से प्रशिक्षित प्रबंधन और इंजीनियरिंग स्टाफ है और नियोक्ता के शुल्क पर हमें छूट भी मिल रही है.”

कंपनी मुनाफा कमा रही है और 2021 में उसका टर्नओवर 27 लाख यूरो का है. जल्द ही ये इंटरनेट प्लेटफॉर्म, मोरक्को, स्पेन और बेल्जियम में भी लाइव होगा और ब्रिटेन में अस्पतालों से बात चल रही है. लेकिन 2021 में, 40 लोगों के कुल स्टाफ में 15 अतिरिक्त नौकरियां जोड़ पाने के साथ ही- नये प्रोग्रामरों की तलाश का, कंपनी का संघर्ष भी शुरू हुआ है. इसीलिए गुजों के मुताबिक कि रियूनियन द्वीप का दुनिया का एक डिजिटल केंद्र बन जाना एक अच्छी खबर है. वो कहती हैं, "इससे और अधिक आईटी जानकार यहां आएंगे और नये स्टाफ की भर्ती में हमें आसानी होगी.”

Philippe Jean-Pierre, Professor für Ökonomie an der Universität von Saint-Denis
फिलिप ज्यां पियरे तस्वीर: Sandy Palenzuela

निवेशक दिलचस्पी लेने लगे हैं

रियूनियन द्वीप इस बीच डिजिटल कंपनियों के रडार पर आ चुका है. ये मानना है कि डिजिटल रियूनियन नाम के उद्योग संगठन के अध्यक्ष स्टेफाने कोलोम्बेल का. ये समूह 5000 उस सेक्टर का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें करीब 5000 कर्मचारियों वाली 500 कंपनियां शामिल हैं. उन्होंने डीडबल्यू को बताया कि निवेशक रियूनियन द्वीप के बारे में सूचना हासिल करने के लिए हमसे लगातार संपर्क कर रहे हैं. इस बीच वो द्वीप की राजधानी सेंट-डेनिस में सालाना डिजिटल व्यापार मेले- एनएक्सएसई में आगंतुकों का स्वागत भी कर रहे हैं. छह साल पहले शुरू हुए इस मेले में प्रतिभागियों की संख्या तिगुनी होकर 900 पर पहुंच गई है.

कोलोम्बेल मानते हैं कि "विशाल डाटा केंद्रों के निर्माण से द्वीप के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ेगा. रियूनियन द्वीप बाहरी दुनिया से भलीभांति जुड़ा हुआ है लेकिन डाटा को लोकल स्तर पर बैकअप करके रखना भी हमेशा सही रहता है- इससे डाटा सुरक्षा बढ़ती है.” सेंट-डेनिस यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर फिलिप ज्यां पियरे कहते हैं कि, "डिजिटल सेक्टर में अतिरिक्त नौकरियां भी द्वीप की अर्थव्यवस्था और उसके नौ लाख निवासियों के लिए फायदेमंद होंगी. इस समय यहां बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत है और ये राष्ट्रीय औसत की दोगुना से ज्यादा है.

उनके मुताबिक "डिजिटल सेक्टर हजारों अतिरिक्त प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित कर सकता है जो दूसरे सेक्टरों में अप्रत्यक्ष रोजगार में तब्दील हो सकती हैं.” लेकिन वो ये भी कहते हैं कि सभी बेरोजगारों का नयी गतिविधियों में समाहित हो पाना मुश्किल है. क्योंकि "ऐसे लोग भी हैं जो अपनी पूरी जिंदगी पारंपरिक क्षेत्रों में काम करते रहे हैं और उन्हें रातोरात एक डिजिटल रोजगार में नहीं ढाला जा सकता है.”

रिपोर्टः लीजा लुईस

कारोबारी बंजारे