कुछ पाकिस्तानी मलाला से क्यों नफरत करते हैं?
सिर्फ 17 साल की उम्र में शांति का नोबेल जीतने वाली मलाला यूसुफजई अब एक ग्लोबल आइकन हैं. लेकिन उनके अपने देश में बहुत से लोग उन्हें पसंद नहीं करते हैं. आखिर इसकी वजह क्या है?
मलाला ने क्या किया है?
पाकिस्तान में मलाला के कई आलोचकों का कहना है कि आखिर ऐसा उन्होंने किया क्या है कि उन्हें इतना मान सम्मान दिया जा रहा है. मलाला बचपन से ही लड़कियों की शिक्षा के लिए मुहिम चल रही हैं, लेकिन ये लोग इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते.
बदनाम करने की साजिश
मलाला पर अक्टूबर 2009 में तालिबान ने जानलेवा हमला किया. ब्रिटेन में महीनों के इलाज के बाद वह ठीक हो पाईं. लेकिन मलाला के आलोचक इसे पूरे मामले को पाकिस्तान को बदनाम करने की साजिश बताते हैं.
उन्हें कोई नहीं पूछता
मलाला को पसंद न करने वालों का कहना है कि पाकिस्तान बहुत से बच्चों के साथ उससे भी बुरा सलूक होता है जो मलाला के साथ हुआ. लेकिन उन्हें कोई नहीं पूछता. इस सिलसिले में वे मलाला के साथ हमले में घायल हुई साजिया कायनात का नाम भी लेते हैं.
फर्जी हमला
पाकिस्तान में आपको कई ऐसे भी लोग मिल जाएंगे जो मलाला पर हुए हमले को एक ड्रामा मानते हैं. यही नहीं, वहां तो कई लोग 166 लोगों की जान लेने वाले मुंबई हमलों के बारे में भी ऐसा ही सोचते हैं.
पश्चिमी एजेंडे पर
कई लोग कहते हैं कि मलाला यूसुफजई पश्चिम के एजेंडे को लागू कर रही हैं. सबसे पहले वह अपने ब्लॉग से चर्चा में आई थीं, जिसमें वह तालिबान के राज में मुश्किल जिंदगी के बारे में लिखा करती थीं. इसी के बाद तालिबान उन पर हमला किया.
ओबामा की तारीफ क्यों?
तारीफ करने के लिए भी मलाला को पाकिस्तान में कई निशाना बनाते हैं. उनके मुताबिक मलाला पश्चिमी मूल्यों का प्रचार कर रही हैं, हालांकि खुद मलाला हमेशा लड़कियों और उदार मानवीय मूल्यों की बात करती हैं.
तो पाकिस्तान में रहें..
कई लोग सोशल मीडिया पर यह भी लिखते हैं कि अगर मलाला को पाकिस्तान से इतना ही प्यार है तो फिर वह पाकिस्तान में आकर क्यों नहीं रहतीं. हालांकि इसका जबाव है सुरक्षा. 2009 के हमले के बाद से ही मलाला का परिवार पाकिस्तान से बाहर रह रहा है.
आई एम नॉट मलाला
मलाला को जब 2014 में नोबेल पुरस्कार मिला तो पाकिस्तान के हजारों स्कूलों ने उनके संस्मरण "आई एम मलाला" को बैन करने की मांग की थी. वहीं यह किताब दुनिया की बेस्ट सेलर्स में से एक है और कई भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है.
चुभते सवाल
आलोचक कहते हैं कि मलाला ने अपनी किताब में इस्लाम, चरमपंथ और पाकिस्तानी सेना को लेकर वही सब बातें कही हैं जिनके जरिए पश्चिमी देश पाकिस्तान को निशाना बनाते हैं. किताब में पाकिस्तान के अस्तित्व से जुड़े सवालों भी आलोचकों को चुभते हैं.
अमेरिका विरोध
हाल के सालों में पाकिस्तान में अमेरिका विरोधी भावना मजबूत हुई हैं. इससे भी मलाला के विरोध को हवा मिलती है. पाकिस्तान में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को तलाशने में अमेरिका की मदद करने वाले एक पाकिस्तानी डॉक्टर को अब तक जेल में रखा गया है.