क्या है कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल?
फेसबुक के डाटा लीक मामले में पांच चेहरे शक के घेरे में हैं. जानिए कौन हैं ये और क्या रही इनकी भूमिका.
स्कैंडल के पीछे के चेहरे
फेसबुक पर आरोप है कि उसने पांच करोड़ लोगों के डाटा पर सेंध लगने दी. इस डाटा का इस्तेमाल कथित रूप से ब्रेक्जिट और अमेरिकी चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप के प्रोपेगंडा के लिए किया गया. इसे फेसबुक का अब तक का सबसे बड़ा डाटा ब्रीच कहा जा रहा है, जानिए कौन कौन शामिल है इसमें.
कनाडा का विसल ब्लोअर
28 साल के क्रिस्टोफर वाइली ने ब्रिटेन के अखबार ऑब्जर्वर को यह जानकारी दी कि उसी ने कैम्ब्रिज एनालिटिका नाम की कंपनी के लिए ऐसा प्रोजेक्ट बनाया था जिसका इस्तेमाल डॉनल्ड ट्रंप की टीम ने किया. कैम्ब्रिज एनालिटिका ने कहा है कि वाइली अपने और कंपनी के काम को गलत तरीके से देख रहा है.
स्टिंग ऑपरेशन
ब्रिटेन के चैनल 4 ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के कई वरिष्ठ अधिकारियों का स्टिंग ऑपरेशन किया. इसमें कंपनी के सीईओ एलेक्सैंडर निक्स भी शामिल हैं. वीडियो में उन्हें 2016 में डॉनल्ड ट्रंप की जीत का श्रेय लेते हुए देखा जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के डाटा का इस्तेमाल कर उन तक गलत जानकारी, घूस और यहां तक यौनकर्मी महिलाएं भी पहुंचाई गईं.
ऐप से हुई शुरुआत
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर एलेक्जेंडर कोगान ने एक पर्सनैलिटी ऐप तैयार किया. इसके लिए उसने फेसबुक से तीन करोड़ लोगों का डाटा लिया. यह डाटा उसने कैम्ब्रिज एनालिटिका को दिया और बताया कि उसने जो भी किया है, वह कानूनी रूप से गलत नहीं है. कोगान का कहना है कि कंपनी उन्हें बलि का बकरा बना रही है.
जकरबर्ग के खिलाफ जांच
फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने माफी मांगते हुए कहा है कि उनसे चूक हुई और भविष्य में ऐसा नहीं होगा. ब्रिटेन और यूरोप की सांसदों ने उन्हें समन किया है. वहीं अमेरिका के उपभोक्ता नियामकों ने फेसबुक के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. कंपनी के शेयर के दामों पर भी इस स्कैंडल का बड़ा असर पड़ा है.
रणनीति बनाने वाले
डॉनल्ड ट्रंप के पूर्व स्ट्रैटजिस्ट स्टीव बैनन का नाम भी काफी उछल रहा है. माना जाता है कि उन्होंने ही प्रोपेगंडा वाले वे संदेश डेवलप किए जो लोगों तक पहुंचे. बैनन कैम्ब्रिज एनेलिटिका के पूर्व बोर्ड मेंबर हैं. पिछले साल अगस्त में उन्होंने व्हाइट हाउस छोड़ दिया और तब से ट्रंप उनसे दूरी बनाए हुए हैं.