बच्चों को रखिए स्क्रीन से दूर
टीवी, स्मार्टफोन और टैबलेट के जमाने में बच्चों को स्क्रीन से दूर रखना नामुमकिन सा लगता है. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाव के अनुसार बच्चों के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है.
दो साल तक कुछ नहीं
डब्ल्यूएचओ का सुझाव है कि दो साल की उम्र तक के शिशुओं को टीवी या स्मार्टफोन, किसी भी रूप में स्क्रीन नहीं दिखाना चाहिए. आम धारणा से अलग यह सुझाव बच्चों की आंखें खराब होने के डर से नहीं, बल्कि इसलिए दिया गया है ताकि बच्चे शारीरिक रूप से सक्रिय रह सकें.
स्ट्रोलर से भी बचें
सुझाव के अनुसार इस उम्र के बच्चों को एक घंटे से ज्यादा स्ट्रोलर या कार सीट में भी नहीं रहना चाहिए क्योंकि इस तरह से वे अपने हाथ पैर ज्यादा नहीं हिला पाते हैं. साथ ही उन्हें दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए पेट पर लेटना चाहिए. नवजात शिशुओं को 14 से 17 घंटे और चार से 11 महीने के शिशुओं को 12 से 16 घंटे सोना चाहिए.
एक से दो साल तक
एक से दो साल तक के बच्चों के लिए दिन में कम से कम तीन घंटे की शारीरिक गतिविधि जरूरी है. इन्हें भी एक अवस्था में एक घंटे से ज्यादा तक नहीं बैठने चाहिए और 11 से 14 घंटे की नींद लेनी चाहिए. रात में कम से कम दस घंटे और बाकी का वक्त दिन में. ये बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी है.
स्क्रीन से बचो
दो साल के बच्चे आधे घंटे तक स्क्रीन देख सकते हैं लेकिन अगर हो सके तो इससे भी बचना चाहिए. कार्टून और वीडियो गेम की तुलना में वीडियो कॉल के लिए स्क्रीन टाइम को ठीक बताया गया है. आज की आधुनिक दुनिया में जहां संयुक्त परिवार कम होते जा रहे हैं वहां बच्चों का दादा-दादी और नाना-नानी से जुड़े रहने का यह एक अहम तरीका बन गया है.
तीन से चार साल तक
ये बच्चे एक घंटे तक स्क्रीन देख सकते हैं. बाकी के सुझाव इनके लिए भी वैसे ही हैं. बस खेल कूद के दौरान कम से कम एक घंटा ऐसा होना चाहिए जिससे वे थोड़ा थक सकें. इन बच्चों को दिन में 10 से 13 घंटे की नींद लेनी चाहिए. अगर कोई वीडियो गेम बच्चों को खेलने कूदने के लिए प्रोत्साहित करती है, तो वह दिखाई जा सकती है.
बच्चों से बातें करें
सुझावों में यह भी कहा गया है कि बच्चों को स्क्रीन थमा देने के बजाए उनके साथ बात करनी चाहिए, उन्हें कोई कहानी सुनानी चाहिए या फिर किताब पढ़ कर सुनानी चाहिए. ऐसा करने से बच्चे को भाषा सीखने में मदद मिलती है, जबकि स्क्रीन टाइम किसी भी रूप में भाषा सीखने में मददगार साबित नहीं होता है.
कहां कैसे नियम
अमेरिका में विशेषज्ञों की राय है कि 18 महीने तक की उम्र तक बच्चों को स्क्रीन से दूर रखना चाहिए. इसी तरह कनाडा में दो साल की उम्र तक स्क्रीन ना दिखाने की हिदायत दी जाती है. जबकि ब्रिटेन में इस तरह के कोई दिशानिर्देश नहीं हैं और ना ही भारत में हैं.
बंटी हुई राय
इस रिपोर्ट के आने के बाद से दुनिया भर में इस पर काफी चर्चा हो रही है. अधिकतर लोगों का मानना है कि यह सैद्धांतिक रूप से तो ठीक है लेकिन व्यावहारिक नहीं है. ऐसा पहली बार है कि डब्ल्यूएचओ ने पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सुझाव दिए हैं.