भारत से निकल कर यूरोप तक पहुंचने वाले रोमा कौन हैं?
नेटफ्लिक्स की फिल्म रोमा ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोमा भारत से निकली बंजारा जाति है. जानिए इनके बारे में और.
सालों पहले की बात
दसवीं सदी में भारत से पलायन करने वाली रोमा बंजारा जाति को दुनिया भर में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. आज भी ये समुदाय हाशिए पर जीने को मजबूर है.
यूरोप भर में
यूरोप में मौजूद जातीय रूप से अल्पसंख्यकों में रोमा लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. करीब सवा करोड़ रोमा यूरोप भर में फैले हुए हैं. अधिकतर मध्य और पूर्वी यूरोप में रहते हैं.
गरीबी रेखा के नीचे
2016 में यूरोपीय संघ के नौ सदस्य देशों में हुए एक सर्वे के अनुसार यूरोप में रहने वाले लगभग 80 प्रतिशत रोमा गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं.
भेदभाव का सामना
एक रिपोर्ट के अनुसार हर चार में से एक रोमा व्यक्ति ने कहा कि उसे भेदभाव का सामना करना पड़ा है लेकिन इनमें से महज दस फीसदी लोगों ने ही इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की.
जिप्सियों से दूरी
एक अन्य शोध के अनुसार यूरोप के आधे से ज्यादा लोगों का कहना था कि वे अपने आसपड़ोस में "जिप्सी" लोगों को रहते नहीं देखना चाहते. नशा करने वालों और अपराधियों के अलावा लोगों को बस इन्हीं से दिक्कत थी.
छोटा जीवन
आंकड़े दिखाते हैं कि यूरोप के बाकी लोगों की तुलना में रोमा लोग दस साल कम जीते हैं. साथ ही इनमें बाल मृत्यु दर भी यूरोप के औसत से ज्यादा है.
साक्षरता भी मुद्दा
यूरोप में रहने वाले लगभग बीस फीसदी रोमा लोग पढ़ लिख नहीं सकते. हर चार में से बमुश्किल एक ही रोमा व्यक्ति स्कूली शिक्षा पूरी करता है.
कहां की राष्ट्रीयता?
2016 की संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि केवल इटली में ही 15 हजार बच्चों पर स्टेटलेस यानी किसी भी देश की नागरिकता ना होने का खतरा है.
मान्यता भी नहीं
लातिन अमेरिका में केवल कोलंबिया और ब्राजील ही रोमा को अल्पसंख्यक जाति का दर्जा देते हैं. बाकी देशों में इन्हें कोई मान्यता प्राप्त नहीं है.
बुरा जीवनस्तर
रोमा लोग अधिकतर ऐसे घरों में रहते हैं जहां जीवनस्तर बेहद बुरा होता है. साथ ही इन्हें पुलिस की कार्रवाई का डर भी रहता है. इटली और बुल्गारिया में कई रोमा लोगों को जबरन घर से निकाला गया है.