ऐसे होते हैं जर्मन
हर देश के लोग अलग होते हैं. उनके हाव-भाव, उनकी संस्कृति और सामाजिक व्यवहार अलग होता है. जानिए, जर्मन लोग कैसे होते हैं.
गिफ्ट
कोई जर्मन जब किसी के घर जाता है तो गिफ्ट जरूर लेकर जाता है. लेकिन यह खाने की चीज नहीं हो सकती क्योंकि खाने की चीज तभी ले जानी है जब मेजबान लाने को कहे. फूल या वाइन की बोतल हो सकती है. लेकिन फूलों में गुलाब नहीं. वे किसी खास को ही दिए जाते हैं.
नमस्ते
जर्मन लोग वक्त के हिसाब से ही नमस्ते करते हैं. मतलब सिर्फ नमस्ते से काम नहीं चलेगा. सुबह होगी तो गूटन मॉर्गन यानी गुड मॉर्निंग. दिन में गुटन टाग यानी गुड डे और शाम को गुटन आबंड यानी गुड ईवनिंग. विदा लेने पर आउफ वीडरजेन यानी फिर मिलेंगे. दोस्तों को च्युस यानी बाय बोल सकते हैं.
हाथ मिलाना
पहली बार मिलने पर ज्यादातर जर्मन हाथ मिलाते हैं. लेकिन जरूरी बात है आंखों में देखना. हाथ मिलाते वक्त आपको सामने वाले की आंखों में देखना होता है. किसी जानकार से मिलने पर वे गले मिलते हैं और पीठ सहलाते हैं.
मेज पर हाथ नहीं
खाने के दौरान मेज पर दोनों हाथ रखने या एक हाथ गोद में रख लेने को कुछ जर्मन लोग विनम्रता नहीं मानते. बेहतर होगा कि कलाइयां टेबल पर रखी जाएं.
चियर्स
अगर आप ड्रिंक के लिए चियर्स करते हैं तो यूं ही गिलास नहीं टकराए जाते. आंखों में आंखें डालकर चियर्स किया जाता है. अगर कोई जर्मन चियर्स कहेगा तो वह इंतजार करेगा कि आप उसकी आंखों में देखें. कहतें हैं कि ऐसा न करने पर आपकी सेक्स लाइफ पर बुरा असर पड़ता है. जाम टकराने के बाद बिना घूंट लिए ग्लास को टेबल पर नहीं रख सकते.
खाने से पहले
खाने के लिए सबके मेज पर आ जाने का इंतजार तो आमतौर पर किया ही जाता है. लेकिन जर्मनी में जब सब लोग साथ खाना खा रहे हों तो मेजबान के गूटन आपटीट कहने का इंतजार किया जाता है. गूटन यानी गुड और आपटीट यानी भूख. लेकिन इसका भाव है कि एंजॉय कीजिए.
देर पसंद नहीं
जर्मन लोगों को देर से आना पसंद नहीं. आमतौर पर वे वक्त के बहुत पाबंद होते हैं. कुछ मिनटों की देरी भी सामने वाले को बहुत खराब लग सकती है. बल्कि अगर किसी से अपॉइंटमेंट हो तो दस मिनट पहले ही पहुंच जाते हैं.
पीना-पिलाना
बियर और वाइन जर्मन भोजन का हिस्सा हैं. जब भी लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं तो वाइन या बियर परोसी ही जाती है. लेकिन जरूरी नहीं है कि आप पिएं हीं. लोग मना कर सकते हैं.