जब धरती की छाती फटती है
दुनिया में जगह जगह ज्वालामुखी फट रहे हैं. कितना नुकसान पहुंचता है जब धरती यूं आग उगलती है?
छह जगह फट चुकी है धरती
इस साल दुनिया के छह ज्वालामुखी दर्जनों बार फट चुके हैं. दर्जनों जानें ले चुके हैं और सैकड़ों जिंदगियां तबाह कर चुके हैं. देखिए, क्या होता है जब धरती की छाती फटती है.
ला पाल्मा का लावा
ला पाल्मा द्वीप पर कुंब्रे विएहा ज्वालामुखी कई दिन से धधक रहा है और अब इसका लावा बहकर अटलांटिक सागर तक पहुंच गया है. विशेषज्ञों को डर है कि इससे जहरीली गैसें निकलेंगी और हवा को प्रभावित करेंगी. हालांकि स्पेन की सरकार का कहना है कि सब ठीक ठाक है.
जगह जगह राख
सब ठीक ठाक दिखता नहीं है. ला पाल्मा का लावा 270 हेक्टेयर में फैला है और 650 से ज्यादा घरों को तबाह कर चुका है. 6,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जो घर बचे भी हैं, वहां भी राख पहुंची है.
हवाई का किलोएआ
दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में गिना जाने वाला किलोएआ बीते बुधवार को फट पड़ा. हालांकि यह आबादी से दूर है इसलिए इसका जान ओ माल पर असर नहीं हुआ है.
इंडोनेशिया का माउंट मेरापी
इंडोनेशिया का सबसे सक्रिया ज्वालामुखी माउंट मेरापी अगस्त में फटा था. लावा की एक नदी बह निकलती थी और गैस के बादल साढ़े तीन किलोमीटर तक फैल गए थे. जावा द्वीप के कई गांवों को राख की चादर ने ढक लिया था.
फिलीपीन्स का ताल
ताल ज्वालामुखी जुलाई में धधकने लगा जिसके बाद आस पास के 20 हजार से ज्यादा लोगों को निकाला गया. इससे पहले जनवरी में भी ताल फटा था. इसकी गैस तीन कीलोमीटर की ऊंचाई तक गई थी.
इटली का माउंट एटना
इसी साल माउंट एटना 50 से ज्यादा बार फट चुका है. पिछले महीने इसकी राख का बादल नौ किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचा था. फरवरी से ही यह ज्वालामुखी रह रहकर आग उगल रहा है.
डीआरसी का न्यीरागोंगो
डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो का यह ज्वालामुखी गोमा शहर के किनारे पर है और इसकी तबाही छह लाख लोगों के शहर के मुहाने पर आकर रुक गई थी. फिर भी, 32 लोगों की जान गई और कई जिंदगियां प्रभावित हुईं.