ऐसे होंगे भविष्य के गांव
2050 तक दुनिया की आबादी होगी 10 अरब. इतने लोगों को रहने के लिए जगह देना कोई आसान काम नहीं होगा. क्योंकि सिर्फ छत नहीं चाहिए. पानी, खाना और ऊर्जा भी तो चाहिए.
भविष्य के गांव चाहिए
2050 तक दुनिया की आबादी होगी 10 अरब. इतने लोगों को रहने के लिए जगह देना कोई आसान काम नहीं होगा. क्योंकि सिर्फ छत नहीं चाहिए. पानी, खाना और ऊर्जा भी तो चाहिए.
हल है विलेज-2.0
इसका एक हल निकाला गया है. नए तरह के शहर बसाए जाएं और शहरों में नए तरह के घर बनाए जाएं. भीड़ बढ़ने पर ये घर बहुत जरूरी हो जाएंगे. ऐम्सर्टडम में ऐसे गांव बनाए जा रहे हैं.
बन रहा है ऐसा गांव
नीदरलैंड्स की राजधानी ऐम्सटर्डम के पास ही एक गांव बनाया जा रहा है. इसका नाम है री-जेन विलेज. इसमें 25 घर होंगे, जो घेरे में बनाए जाएंगे.
खाना बीच में
घरों के घेरे के बीच में फूड प्रॉडक्शन यूनिट बनाई जाएंगी. ये ग्रीन हाउस जैसी बिल्डिंग होंगी जिनमें फल, सब्जियां, मछलियां और मीट आदि का उत्पादन होगा.
शीशे में बंद
री-जेन विलेज की सारी इमारतें शीशे में बंद होंगी जिनसे गर्मी बनी रहेगी ताकि उत्पादन लगातार होगा.
आत्मनिर्भरता
इस तरह गांव में कुदरत के लिए ज्यादा जगह बचेगी. गांव के भीतर ही इतना उत्पादन हो जाएगा कि लोगों को बाहर पर निर्भर नहीं रहना होगा.
भारत में विलेज 2.0
लेकिन यह बस शुरुआत है. हॉलैंड में तो बस एक मॉडल बन रहा है. असल में ये गांव भारत जैसे उन देशों के लिए काम की चीज हैं जहां आबादी ज्यादा है और संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है. यानी तैयार हो जाइए, आपके आसपास आने वाला है विलेज 2.0.