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मानव अवशेषों का प्रदर्शन होना चाहिए या नहीं?

१३ दिसम्बर २०२१

एक सूजे हुए कलेजे या एक विकलांग कंकाल जैसे मानव अवशेषों को संग्रहालयों में लगाया जाना चाहिए या नहीं? ऑस्ट्रिया में एक संग्रहालय में दिखाई जा रही चीजों को लेकर ऐसे ही सवाल खड़े हो गए हैं.

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फाइल तस्वीरतस्वीर: Egyptian Tourism and Antiquities Ministry/AP Photo/picture alliance

ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में कई सालों से कई चिकित्सा संबंधी मानव अवशेष रखे हुए हैं. हाल ही में नवीनीकरण के दौरान संग्राहलय के क्यूरेटरों के सामने यह प्रश्न उठ खड़ा हुआ कि इस तरह के अवशेषों का आखिरकार प्रदर्शन कैसे किया जाए.

इन अवशेषों में एक विशाल सूजा हुआ कलेजा, फटे हुए चमड़े वाला एक नवजात, एक युवा लड़की का विकृत कंकाल आदि जैसी चीजें शामिल हैं. क्यूरेटरों की दुविधा यह है कि नैतिक मूल्यों और सुरुचि की आधुनिक रेखाओं को लांघे बिना इन अवशेषों का प्रदर्शन कैसे किया जाए.

आधुनिक युग की कसौटियां

ऐसे अवशेषों की संख्या 50,000 के आस पास है. इनमें से कुछ तो 200 सालों से भी ज्यादा पुराने हैं. इनके संकलन की शुरुआत चिकित्सा के छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए 1796 में हुई थी.

Das Kunsthistorische Museum in Wien
विएना का प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय तस्वीर: Willfried Gredler-Oxenbauer/picturedesk.compicture alliance

आज की दुनिया में इस तरह के संग्रहों को लेकर कई सवाल उठ सकते हैं, जैसे क्या लोकहित मानवीय मर्यादा, शक्ति और शोषण जैसे विषयों से ज्यादा बड़ा है और जिन मृत लोगों के अंगों का प्रदर्शन किया जा रहा उनकी सहमति आवश्यक है या नहीं?

क्यूरेटर एडवर्ड विंटर कहते हैं, "हम जितना संभव हो सके उतनी व्याख्या दे कर वॉयरिस्म को दूर रखने की कोशिश करते हैं." उन्होंने बताया कि दर्शक दीर्घा में तस्वीरें खींचने की इजाजत नहीं है.

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संग्रहालय में आने वालों को जब "30 किलो का एक कलेजा दिखाया जाएगा...तब वो समझेंगे कि शराब मानव शरीर का क्या हाल कर सकती है."

अंतरराष्ट्रीय मानक

जिज्ञासु लोग शरीर पर वायरसों के असर के बारे में भी और जल जाने पर रक्त वाहिकाएं कैसी दिखती हैं, यह सब जान सकेंगे. वे मानवीय अंगों, खोपड़ी और शरीर के दूसरे हिस्सों को देख सकेंगे. कई देशों में ऐसी चीजों को सिर्फ शोध करने वाले ही देख सकते हैं.

Österreich 2.700 Jahre alte menschliche Exkremente
विएना संग्रहालय में ही रखा हुआ 2,600 साल पुराना मानव मलतस्वीर: Museum of Natural History of Vienna/Anwora/AFP

प्रदर्शनी की निदेशक कैटरीन वोलांड कहती हैं, "एक दिन सबको बीमारी का सामना करना ही पड़ेगा." उन्होंने बताया कि कुछ लोग यहां इसलिए आते हैं क्योंकि वो खुद कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से प्रभावित हैं और कुछ इसलिए आते हैं क्योंकि वो "विज्ञान की तरक्की के बारे में और जानना चाहते हैं." 

प्रदर्शनी आम जनता के लिए सितंबर 2021 में दोबारा खोली गई और इस बार संग्रह में पड़े अवशेषों में से सिर्फ कुछ को ही इसमें रखा गया. संग्रहालय आई बायोलॉजी के टीचर क्रिस्टियन बिहेवी कहती हैं, "मैं पिछली प्रदर्शनी से वाकिफ थी. लेकिन यह वाली बेहतर ढंग से तैयार की गई है क्योंकि हर चीज का विवरण है, पहले से काफी ज्यादा जानकारी है."

इस चर्चा को दिशा देने के लिए संग्रहालयों की अंतरराष्ट्रीय परिषद ने एक कोड ऑफ एथिक्स बनाया है, जो कहता हैं कि मानव अवशेषों को तभी "लेना चाहिए अगर उनके सुरक्षित रूप से रखा जा सके और उनकी आदर से देखभाल की जा सके." इसके अलावा वो अवशेष जिस समुदाय से हों उसके "हितों और मान्यताओं" का भी ख्याल रखना जरूरी है.

सीके/एए (एएफपी)

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