अमेरिका नहीं चाहता बलूचिस्तान आजाद हो
१३ सितम्बर २०१६अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, “सरकार की नीति ये है कि हम पाकिस्तान की एकता और अखंडता का समर्थन करते हैं और बलूचिस्तान की आजादी का समर्थन नहीं करते हैं.” वो बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों और वहां आजादी के लिए उठ रही आवाजों से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे.
भारत के 70वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तानी कश्मीर, गिलगित बल्तिस्तान और बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया था. मोदी ने कहा कि बलूचिस्तान का मुद्दा उठाने के लिए उन्हें वहां के लोगों ने उन्हें धन्यवाद दिया है. क्षेत्रफल के हिसाब से बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और वहां भरपूर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन हैं. लेकिन इस प्रांत के लोग अपने साथ भेदभाव होने का आरोप लगाते हैं.
बलूचिस्तान में कई अलगाववादी समूह सक्रिय है जबकि कई अलगगावादी विदेशों से बलूचिस्तान के आजादी के लिए आवाज उठा रहे हैं. पाकिस्तान अकसर भारत को बलूचिस्तान के हालात के लिए जिम्मेदार ठहराता है और उस पर बलोच अलगगावादियों को आर्थिक और हथियारों की मदद देने का आरोप भी लगाता है. भारत इन आरोपों से इनकार करता है. लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि मोदी के भाषण में बलूचिस्तान का मुद्दा उठाए जाने के इसकी पुष्टि होती है.
चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर परियोजना का भी बलूचिस्तान में विरोध हो रहा है. इस परियोजना के तहत चीन के शिनचियागं प्रांत को बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से छोड़ा जाएगा. 45 अरब डॉलर से भी ज्यादा लागत वाली इस परियोजना को पाकिस्तान अपने लिए गेम चेंजर मान रहा है, लेकिन बलूचिस्तान में अशांति को देखते हुए इसकी सुरक्षा पर सवाल हैं.