यूनेस्को की नई सांस्कृतिक धरोहरें
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को ने अपने 2018 के विश्व धरोहरों की सूची में दुनिया में मौजूद इन खास चीजों को शामिल किया है.
रेगी धुनें
जमैका में हर जगह रेगी संगीत की धुनें सुनाई देती हैं. मशहूर सिंगर बॉब मार्ले को उनके कैरेबियाई संगीत के लैटिन अमेरिकी संगीत के साथ खास मिश्रण के लिए जाना जाता था. अब यह जमैका ही नहीं पूरी दुनिया में उत्पीड़न या दबाव के खिलाफ आवाज उठाने वालों की पहचान बन गया है.
परफ्यूम की जन्नत
फ्रांस के दक्षिण में स्थित प्रोवान्स का शहर ग्रास दुनिया में सुगंध का केंद्र माना जाता है. 16वीं सदी से ही यहां चमेली और नाइट हायसिंथ की खेती होती रही है और यहीं इससे परफ्यूम बनाया जाता है. ग्रास में परफ्यूम के इतिहास का एक मशहूर संग्रहालय भी है.
लास परांदास समारोह
हर साल क्यूबा के इस शहर में होने वाले समारोह में यही होड़ रहती है कि कौन सबसे ज्यादा रंगीन कपड़े पहनता है, सबसे मधुर गाने गाता है, सबसे अच्छा नाचता है और सबसे बढ़िया आतिशबाजी करता है. सन 1820 से जारी इस फेस्टिवल ने पाई है विश्व सांस्कृतिक धरोहरों में जगह.
यूरोप की कपड़ा कला
कपड़ों पर ऐसे प्रिंट बनाने की कला भारत और इंडोनेशिया से यूरोप पहुंची थी. 17वीं सदी में डच व्यापारी इसे लाए जो कि जर्मन भाषा में "ब्लाउद्रुक" कहलाया. बड़े स्तर पर फैक्ट्रियों में कपड़े प्रिंट होने के जमाने में इसका महत्व कम हो गया. आज जर्मनी, ऑस्ट्रिया और हंगरी जैसे देशों की केवल 27 वर्कशॉपों में यह काम हो रहा है.
बिना सीमेंट की दीवारें
मेडिटेरेनियन देशों में सूखे पत्थरों से दीवार बनाना काफी आम रहा है. कोन के आकार वाली छतें बनाने के लिए पत्थरों को ऐसे बिठाया जाता है कि उन्हें जोड़ने के लिए किसी तरह के सीमेंट का इस्तेमाल ना करना पड़े. आज भी ऐसी इमारतें क्रोएशिया, साइप्रस, फ्रांस और ग्रीस जैसे देशों में देखी जा सकती हैं.
लुम स्नान, तिब्बत
तिब्बत में सोवा रिग्पा की चिकित्सीय परंपरा का हिस्सा रहा लुम स्नान अब विश्व धरोहर है. इसमें गरम पानी वाले प्राकृतिक झरनों, हर्बल पानी या उसकी भाप में नहाना होता है. यह परंपरागत ज्ञान अब आधुनिक मेडिकल कालेजों के पाठ्यक्रम में भी शामिल हो गया है.
कुश्ती
उत्तर और दक्षिण कोरिया ने राष्ट्रीय खेल रही परंपरागत कुश्ती को यूनेस्को के सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल करने के लिए मिल कर आवेदन किया है. इसमें जीतने के लिए सामने वाले पहलवान को उसकी बेल्ट से पकड़ कर जमीन पर पटक देना होता है. (फ्रेडेरिके मुलर/आरपी)