ट्रंप ने मोदी को दिया अमेरिका आने की न्योता
२५ जनवरी २०१७अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद ये ट्रंप की मोदी से पहली बातचीत थी, जिसमें दोनों नेताओं ने आर्थिक और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. व्हाइट हाउस का कहना है कि उनके बीच दक्षिण और मध्य एशिया में सुरक्षा के मुद्दे पर भी बात हुई. इसी क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ साथ अफगानिस्तान भी आता है जहां अमेरिकी सैनिक अब भी तालिबान से लोहा ले रहे हैं.
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर दिए गए ब्यौरे के अनुसार दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और पाकिस्तान कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि ट्रंप के साथ उनकी बातचीत "गर्मजोशी भरी” रही और आने वाले दिनों में दोतरफा रिश्तों को और मजबूत करने के लिए वे मिल कर काम करेंगे. मोदी ने भी ट्रंप को भारत का दौरा करने की दावत दी.
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हाल के सालों में अमेरिका और भारत के रिश्ते बहुत मजबूत हुए हैं और भारत को उम्मीद है कि ट्रंप के दौर में भी यही सिलसिला जारी रहेगा. ट्रंप को राष्ट्रपति चुनावों में अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों का अच्छा खासा समर्थन मिला था.
ट्रंप ने संकल्प किया है कि वह इस्लामिक आतंकवादियों को शरण देने वाले देशों से प्रवासियों के आने पर रोक लगाएंगे. यह बात भारत के रुख के अनुरूप है जो पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक बताता है और दुनिया भर में इसके लिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है. भारत अपने यहां हुए कई आतंकवादी हमलों के तार पाकिस्तान से जोड़ता है. वहीं पाकिस्तान ऐसे आरोपों से इनकार करता है.
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हालांकि ऐसी भी चिंताएं हैं कि ट्रंप सुरक्षा के लिहाज से दक्षिण एशिया क्षेत्र से अपने हाथ खींच सकते हैं जिसके बाद भारत को अकेले चीन की बढ़ती ताकत का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा ट्रंप के "अमेरिका फर्स्ट” के नारे के चलते नौकरियों के लिए अमेरिका जाने वाले भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स पर भी असर पड़ सकता है.
एके/वीके (रॉयटर्स)