1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

यमन में मारा गया अल कायदा नेता कासिम अल-रिमी

७ फ़रवरी २०२०

अमेरिका ने आतंकरोधी ऑपरेशन के तहत अल कायदा इन अरब पेनिनसुला के नेता कासिम अल-रिमी को मार गिराया है. व्हाइट हाउस ने कासिम अल-रिमी के मारे जाने की पुष्टि की है.

https://p.dw.com/p/3XOYR
al-Qaida-Führer Qassim al-Rimi wurde im Jemen getötet
तस्वीर: picture-alliance/dpa/EPA/Stringer

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा, "रिमी के नेतृत्व में अल कायदा इन अरब पेनिनसुला (एक्यूएपी) ने यमन में नागरिकों के खिलाफ अनुचित हिंसा की, अमेरिका और हमारी सेना के खिलाफ कई हमलों को अंजाम दिया." बयान में ट्रंप ने आगे कहा, "उसकी मौत से एक्यूएपी और कमजोर होगा, साथ ही विश्व स्तर पर अल कायदा भी कमजोर पड़ेगा. यह हमें हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले ऐसे संगठनों का अंत करने के हमारे लक्ष्य के और करीब लाता है."

अमेरिका एक्यूएपी को ओसामा बिन लादेन द्वारा स्थापित अल कायदा की सबसे खूंखार शाखाओं में से एक मानता आया है. यमन में ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि मरिब इलाके में रिमी ड्रोन हमले में मारा गया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि वह इन रिपोर्टों की पुष्टि नहीं कर पाया है. यमन के एक सरकारी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया है कि मरिब में एक ड्रोन हमला हुआ है लेकिन उस हमले में रिमी नहीं मारा गया है.

दूसरी ओर ट्रंप ने कहा है कि उनके निर्देश पर अमेरिकी ने आतंकरोधी ऑपरेशन को अंजाम दिया है. रिमी ने ही पिछले साल अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित पेंसकोला नौसैनिक बेस पर एक सऊदी ट्रेनी ने फायरिंग कर तीन अमेरिकी नौसैनिकों की हत्या कर दी थी. ट्रंप ने बयान में कहा रिमी की मौत के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी अब और ज्यादा सुरक्षित हैं.

ट्रंप ने कहा,"हम अमेरिका की रक्षा करते रहेंगे. हम ऐसे आतंकियों को खोज निकालेंगे और उन्हें खत्म कर देंगे जो हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं." हालांकि ट्रंप ने यह नहीं बताया कि अमेरिका ने कब इस ऑपरेशन को अंजाम दिया या फिर ऑपरेशन कैसे किया गया है.

रिमी ने ली थी हमले की जिम्मेदारी

रिमी ने 18 मिनट लंबे वीडियो संदेश में पिछले साल 6 दिसंबर को हुए अमेरिकी नेवल बेस पर हमले की जिम्मेदारी ली थी. रिमी ने सऊदी अरब के शूटर मोहम्मद अलशमरानी को "साहसिक", "योद्धा" और "हीरो" बताया था. शूटर सऊदी एयरफोर्स का अफसर था. उसने बेस पर स्थित क्लासरूम में फायरिंग कर दी थी. इस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हुई थी और इस मुठभेड़ में दो पुलिस अफसर घायल हुए थे.

इस हमले के बाद अमेरिकी सैन्य ठिकानों में ट्रेनिंग प्रोग्राम में मौजूद विदेशी छात्रों की तरफ जनता का ध्यान गया और कैडेटों की जांच में कमियों को उजागर किया. जनवरी महीने में अमेरिका ने 21 सऊदी मिलिट्री छात्रों को वापस भेज दिया था. उसका कहना था कि ट्रेनी छात्र सोशल मीडिया पेजों पर जिहादी या अमेरिका विरोधी भावना रखते हैं या फिर "चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संपर्क रखते हैं", जिसमें इंटरनेट चैट रूम भी शामिल है.

एए/एके (रॉयटर्स, एपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें