गांव देहातों की महिलाओं को अपने समुदायों और स्थानीय संसाधनों की गहरी समझ होती है, जिससे उन्हें उनके पर्यावरण में हो रहे बदलावों के आसान हल खोजने में मदद मिलती है. दक्षिण भारत की एक महिला ने पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल करते हुए जैव विविधता बचाने की मुहिम छेड़ी है.