शर्मीले राजा लुडविग द्वितीय की कल्पना के महल
175 साल पहले जन्मे बवेरिया के राजा लुडविग द्वितीय अपने शासन काल में एक से बढ़कर एक महल बनवाते रहे. एक नजर डालिए उनके चुनिंदा महलों और कुछ छुपे हुए खजानों पर.
नॉयश्वानश्टाइन महल
राजा बनने के चार साल के भीतर ही लुडविग द्वितीय ने अपने पहले महल की रूपरेखा बना ली. सन 1868 में केवल 23 साल की उम्र में उनके ख्यालों से जन्मा नॉयश्वानश्टाइन का महल आज भी जर्मनी का सबसे प्रसिद्ध महल है.
कॉन्सर्ट हॉल
नॉयश्वानश्टाइन महल का सबसे बड़ा कमरा एक कॉन्सर्ट हॉल है, जिसे उन्होंने मध्ययुगीन किंवदंतियों के आधार पर सजवाया था. यहां राजा की ओर से बड़े बड़े जलसे और संगीत के विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. अब हर साल यहां पर्यटकों के लिए म्युजिक कॉन्सर्ट होते हैं.
लिंडरहोफ महल
स्वभाव से शर्मीले माने जाने वाले राजा लुडविग द्वितीय को इस महल में समय बिताना बहुत पसंद था. इसे वह फ्रांस के वर्साए पैलेस के जैसा बनवाना चाहते थे लेकिन वहां उतनी बड़ी जमीन नहीं थी. बनते बनते यह रोकोको शैली का महल बन गया.
वीनस ग्रोटो
लिंडरहोफ महल में राजा ने एक खास कमरा संगीत को समर्पित किया था. इसमें राजा के अलावा केवल उनके कुछ करीबी लोग ही जा सकते थे. यहां राजा ओपेरा संगीत का आनंद लेना पसंद करते. मशहूर जर्मन ओपेरा संगीतकार रिचर्ड वागनर की प्रस्तुति यहीं इस छोटी सी कृत्रिम गुफा यानि ग्रोटो में झील और झरने के स्टेज पर हुई थी.
रोज आइलैंड
राजा लुडविग द्वितीय को ऐसे महल पसंद थे जो उन्हें एकांत का सुख दे सकें. श्टार्नबेर्ग झील में स्थित रोज आइलैंड में उनके पिता माक्सिमिलियान द्वितीय ने गर्मियों का निवास बनाया था जिसका नाम था - कसीनो. इसके चारों ओर बागीचा है जिसके केंद्र में गुलाब की झाड़ लगाई गई. यहां कि निजता में वे अपने करीबियों के साथ वक्त बिताते थे.
हेयरेनषीमजे का महल
राजा लुडविग द्वितीय ने सन 1873 में षीमजे नामकी झील में एक द्वीप खरीदा. यहां वह कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो उनके पूजनीय फ्रांस के लुई चौदहवें को एक श्रद्धांजलि हो. राजा लुई के बनाए वर्साए पैलेस की तर्ज पर बनाए गए इस महल के पूरा होने से पहले ही 1886 में किंग लुडविग द्वितीय गुजर गए.
आईनों से भरा कमरा
पूरी तरह वर्साए महल के शीशों वाले कमरे की नकल कर बवेरिया के इस महल में भी एक वैसा कमरा बनाया गया. हेयरेनषीमजे महल के इस 98 मीटर लंबे एक विशेष कमरे में 17 गोलाकार खिड़कियां और उनके ऊपर उतनी ही संख्या में आईने लगाए गए. 33 शेंडेलियर लैंप और 44 कैंडेल स्टैंड से सजा यह कक्ष असल में वर्साए से भी सात मीटर लंबा बना.
निम्फेनबुर्ग महल
लुडविग द्वितीय ने यह महल बनवाया नहीं था बल्कि वह इस महल में पैदा हुआ थे. पर्यटक भी महल के उस कमरे में जा सकते हैं जहां उनका जन्म हुआ था. गर्मियों के महीने में यहां जाने वाले टूरिस्ट महल के बाहर के बागीचे में बहने वाली नहर में गॉन्डोला नावों में सैर भी कर सकते हैं.
शाखेन का निवास
किसी राजा के हिसाब से यह निवास काफी सामान्य लगता है लेकिन यहां से नजारा अद्वितीय है. इसीलिए 1,866 मीटर की ऊंचाई पर बने इस घर को राजा लुडविग द्वितीय पहाड़ों पर एकांत का आनंद लेने के लिए चुनते थे. यहां पहुंचने के लिए चार घंटे तक पहाड़ पर चढ़ाई करनी पड़ती है.
तुर्की कमरा
बाहर से देख कर कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि शाखेन के इस घर की पहली मंजिल में ऐसी सुनहरी, ओरिएंटल अंदाज की सजावट होगी. बाहर के सादी आल्प्स पहाड़ियों के विपरीत इस लक्जरी में राजा लुडविग अपने मेहमानों के लिए भी तुर्की के सुल्तानों जैसी पोशाकों का इंतजाम रखते थे.