टोंगा के ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी का दूर तक असर
टोंगा में आई आपदा का प्रशांत महासागर के इस द्वीप से लेकर जापान, न्यूजीलैंड, कैलिफोर्निया और पेरू तक असर हुआ है. तस्वीरों में देखिए आपदा के असर को.
'अभूतपूर्व आपदा'
एक अंतर्जलीय ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट और उसकी वजह से आई सुनामी के बाद टोंगा में अधिकारियों ने अब तक कम से कम तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. टोंगा की सरकार ने इसे "अभूतपूर्व आपदा" बताया है. देश की एकमात्र इंटरनेट की तार कट गई है. सिर्फ कमजोर सैटेलाइट फोन कनेक्शन, सर्विलांस उड़ानों और सैटेलाइट चित्रों की मदद से क्षति का सही अंदाजा लगाना अभी भी मुश्किल है.
राख में लिपटा द्वीप
जैसे की इस पहले की और बाद की तस्वीर में दिख रहा है टोंगा ज्वालामुखी की राख में लिपटा हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी शॉन केसी ने कहा है कि "पूरा देश राख से ढका हुआ है." उन्होंने यह भी बताया कि दूषित पानी इस समय देश के लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. संगठन के मुताबिक करीब 100 घरों को नुकसान पहुंचा है. टोंगा के मुख्य द्वीप टोंगाटापू पर 50 घर तो नष्ट ही हो गए हैं.
विस्फोट का असर
'हुंगा टोंगा-हुंगा हापई' अंतर्जलीय ज्वालामुखी के 14 जनवरी को फटने के बाद राख हवा में करीब 30 किलोमीटर तक ऊपर गई थी. इस वजह से प्रशांत महासागर के एक बड़े इलाके में राख, गैस और अम्लीय बारिश हुई. विस्फोट के बाद एक सुनामी आई जिसमें टोंगा में 50 फीट तक की लहरें देखी गईं.
दूसरे देशों से मदद
टोंगा से संचार टूटा हुआ रहने की वजह से न्यूजीलैंड ने नुकसान का जायजा लेने के लिए सर्विलांस उड़ानें भेजीं. संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं मदद भेजने की कोशिश कर रही हैं लेकिन टोंगा का हवाई अड्डा बंद है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने पानी के जहाजों में मदद भेजने वाले हैं लेकिन दूरी की वजह से इन जहाजों को पहुंचने में कई दिन लग सकते हैं.
पेरू में तेल रिसाव
माना जा रहा है कि ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद आईं विशाल लहरों की वजह से पेरू में समुद्री जैव-विविधता से संपूर्ण इलाके में तेल का रिसाव हुआ है. पेरू के अधिकारियों ने बताया कि एक जहाज समुद्री तट एक रिफाइनरी में तेल पहुंचा रहा था तभी शक्तिशाली लहरों ने जहाज को हिला दिया और तेल समुद्र में गिर गया.
जापान में सुनामी की लहरें
सुनामी की लहरें पूरे प्रशांत महासागर में फैल गईं और जापान के तट तक भी पहुंच गईं. पूर्वी प्रांत मी में लहरें खेती किए जा रहे ऑयस्टरों के बेड़ों को बहा कर समुद्र तक ले गईं.
न्यूजीलैंड में नावों को नुकसान
इस घटना का असर न्यूजीलैंड में भी हुआ. ऊंची ऊंची लहरों ने कई नावों को नुकसान पहुंचाया और कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि उन्हें ज्वालामुखी के विस्फोट की आवाज सुनाई दी थी. (साइम दुशां इनायतुल्ला, फराह बहगात)