फोल्क्सवागेन डीजलगेट का कच्चा चिट्ठा
यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट वर्जीनिया में फोल्क्सवागेन की डीजल कारों पर टेस्ट हुआ, तो पता चला कि गाड़ियां अनुमति से चालीस गुना ज्यादा नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन कर रही थीं. यहां से हुई डीजल स्कैंडल की शुरुआत.
18 सितंबर 2015
अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण संस्था ईपीए ने कंपनी पर आरोप लगाया कि उसने कारों में ऐसे सिस्टम लगाए हैं जो टेस्ट के दौरान गड़बड़ी करते हैं. अमेरिका में ऐसी कम से कम 4.8 लाख कारें थीं और कंपनी से उन्हें वापस लेने को कहा गया.
22 सितंबर 2015
कंपनी ने माना कि उसने एक करोड़ से अधिक कारों में ऐसा सॉफ्टवेयर लगाया जिससे लैब में टेस्ट के दौरान कम उत्सर्जन होता है. इसके बाद दो दिन में कंपनी के शेयर चालीस फीसदी तक गिर गए.
23 सितंबर 2015
कंपनी के सीईओ मार्टिन विंटरकॉर्न ने इस्तीफा दिया लेकिन कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. जर्मनी के ब्राउनश्वाइग में फोल्क्सवागेन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
25 सितंबर 2015
पोर्शे के माथिआस मुलर ने विंटरकॉर्न का पद संभाला. जर्मन संसद में उन्होंने कहा कि देश भर में 28 लाख गाड़ियां इस स्कैंडल से प्रभावित हुई हैं.
22 अप्रैल 2016
फोल्क्सवागेन ने घोषणा की कि 20 सालों में पहली बार कंपनी घाटे में गई. कंपनी ने माना कि डीजलगेट के कारण उसे अरबों का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई में लंबा वक्त लग जाएगा.
28 जून 2016
अमेरिका के साथ एक समझौते के तहत कंपनी 14.7 अरब डॉलर का जुर्माना देने को तैयार हुई. इसमें अमेरिका के लगभग पांच लाख कार मालिकों को दिया जाने वाले भुगतान शामिल था.
21 सितंबर 2016
निवेशकों ने जर्मनी में कंपनी पर मुकदमा किया और आरोप लगाया कि कंपनी ने समय रहते उन्हें स्थिति से आगाह नहीं कराया. अपने नुकसान की भरपाई के लिए निवेशकों ने अरबों डॉलर का दावा किया.
8 दिसंबर 2016
यूरोपीय आयोग ने जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन और लक्जमबर्ग समेत यूरोपीय संघ के सात देशों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के आदेश दिए. आयोग का आरोप था कि ये देश उत्सर्जन में हुई गड़बड़ी को रोकने में नाकाम रहे हैं.
11 जनवरी 2017
कंपनी ने अमेरिका द्वारा लगाए गए धोखाधड़ी के तीन आरोपों में अपनी गलती मानी और 4.3 अरब डॉलर का जुर्माना देने की बात स्वीकारी. कंपनी ने यह भी माना कि यह कांड 2006 से चल रहा था.
1 फरवरी 2017
कार में लगाया गया सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी बॉश ने भी अमेरिका को 33 करोड़ डॉलर का जुर्माना दिया. बॉश ने कहा कि उसे कोई अंदाजा नहीं था कि फोल्क्सवागेन उसके सॉफ्टवेयर का गलत इस्तेमाल कर रही है.
25 अगस्त 2017
फोल्क्सवागेन के इंजीनियर जेम्स लिएंग ने अपनी गलती मानी और अमेरिका की एक अदालत ने उन्हें 40 महीने कैद और दो लाख डॉलर जुर्माने की सजा सुनाई.
6 दिसंबर 2017
कंपनी के एक अन्य अधिकारी ओलिवर श्मिट को हिरासत में लिया गया और सात साल की जेल की सजा दी गई. जिस समय उन्हें गिरफ्तार किया गया, वे फ्लोरिडा में छुट्टी मना रहे थे.
23 फरवरी 2018
2017 में रिकॉर्ड तोड़ गाड़ियां बेचने के बाद फोल्क्सवागेन ने एक बार फिर मुनाफे की घोषणा की. पोर्शे, ऑडी, स्कोडा और सिएट जैसे बड़े नाम भी फोल्क्सवागेन ग्रुप का ही हिस्सा हैं.
12 अप्रैल 2018
माथिआस मुलर को हटा कर हैर्बेर्ट डीस को सीईओ का पद सौंपा गया. मुलर ने ढाई साल तक कंपनी की कमान संभाली लेकिन इस दौरान वे जांचकर्ताओं के शक के दायरे से बाहर नहीं हो सके.
3 मई 2018
पूर्व सीईओ मार्टिन विंटरकॉर्न पर अमेरिका में मुकदमा शुरू हुआ. उन पर कंपनी की धोखाधड़ी को छिपाने के आरोप लगाए गए. 70 वर्षीय विंटरकॉर्न के अनुसार अगर उन्हें इस बारे में खबर होती, तो वे इसे रोकने के प्रयास करते.
13 जून 2018
कंपनी जर्मनी में एक अरब यूरो का जुर्माना देने को राजी होती है. अब तक फोल्क्सवागेन अलग अलग सरकारों को कुल मिला कर 27 अरब यूरो जुर्माने के तौर पर दे चुकी है.
18 जून 2018
फोल्क्सवागेन की सहायक कंपनी ऑडी के सीईओ रूपेर्ट श्टाडलर को जर्मनी में गिरफतार किया जाता है. उन पर धोखेबाजी और सबूतों को छिपाने के आरोप लगाए गए हैं.
2 सितंबर 2018
जर्मन अखबार "बिल्ड" ने कंपनी पर आरोप लगाए कि उसने पेट्रोल कारों के साथ भी छेड़छाड़ की, जिसके जवाब में जर्मनी का परिवहन मंत्रालय सफाई देता है कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं और मामला डीजल कारों तक सीमित है.
10 सितंबर 2018
जर्मन शहर ब्राउनश्वाइग के हाईकोर्ट में कंपनी के खिलाफ नया मुकदमा शुरू हुआ. हालांकि इससे पहले भी मुकदमे चल रहे हैं लेकिन ये इसलिए अहम है क्योंकि इसके जरिए सभी निवेशकों के बारे में फैसला लिया जाएगा. रिपोर्ट: ईशा भाटिया (एएफपी)