सांभर झील में कैसे हो गई 18 हजार से ज्यादा पक्षियों की मौत
राजस्थान के सांभर झील में 18 हजार से ज्यादा पक्षियों की नवंबर में मौत हो गई है. भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील में मरने वाले अधिकतर प्रवासी पक्षी हैं जो सर्दी के मौसम में यहां आते हैं.
कहां है सांभर झील
सांभर झील राजस्थान के जयपुर और नागौर जिले में फैली हुई है. विशाल झील का विस्तार करीब 5,700 वर्ग किलोमीटर के इलाके में है. इसकी गहराई तीन मीटर तक है.
हर साल आते हैं पक्षी
सांभर झील में 83 प्रजातियों के पक्षी रहते या सर्दियों में आते हैं. इनमें बड़ी संख्या दूसरे देशों से आए परिंदों की है. इनमें प्लोवर, एग्रेट, हेरोन्स और गीस प्रजातियों के पक्षी भी शामिल हैं.
अचानक मरने लगे पक्षी
10 नवंबर को झील घूमने आए सैलानियों ने बड़ी संख्या में मरे पड़े पक्षियों को देखा. मरने वालों में अधिकतर जलपक्षी हैं. इनमें उत्तरी शोवेलेर, ब्रह्मा बत्तख, पाइड एवोकेट, केंटिश प्लोवर और टफ्टेड डक शामिल हैं. 25 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी मारे गए हैं.
10 दिन में मरे 18 हजार पक्षी
पहले कुछ दिनों में ये पक्षी सांभर झील के जयपुर जिले में पड़ने वाले इलाके में मृत मिले थे. 15 नवंबर के बाद पूरी झील में पक्षी मरे हुए दिखे. सरकार के मुताबिक 10 से 20 नवंबर के बीच 18,422 पक्षियों की मौत हुई है.
मौत की वजह
पक्षियों की मौत की वजह का पक्के तौर पर पता नहीं चल सका है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसकी वजह एविअन बॉटूलिज्म नाम की बीमारी है. राजस्थान पशु चिकित्सा और विज्ञान विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक मृत पक्षियों के पैरों और पंखों में लकवा, गर्दन का काम ना करना, डिप्रेशन, एनोरेक्सिया जैसी बीमारियां मिली हैं.
मौत की वजह जानने में देर क्यों
राजस्थान सरकार आठ अलग-अलग एजेंसियों और स्रोतों से मौत की वजह की जांच करवा रही है. इन आठ एजेंसियों में से दो ने अपनी रिपोर्ट दी है. एक ने मौत की वजह एविअन बॉटूलिज्म और दूसरी एजेंसी ने बर्ड फ्लू को वजह बताया है.
कितनी खतरनाक बीमारी है बॉटूलिज्म
पहले भी बॉटूलिज्म से पक्षियों की बड़ी संख्या में मौत के मामले सामने आए हैं. कनाडा में 1995 से 1997 के बीच अल्बर्टा में एक लाख, मैनीटोबा में 1,17,000 सस्कातच्वेआन में 10 लाख, जबकि अमेरिका की ग्रीन साल्ट लेक में 1997 में करीब पांच लाख पक्षी इस बीमारी से मारे गए थे. 1952 में पश्चिमी अमेरिका में करीब 40 लाख पक्षी इस महामारी से मारे गए थे.
और क्या कारण हो सकते हैं
राजस्थान हाइकोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब मांगा है. राज्य सरकार ने संभावित कारणों के बारे में बताया. इनमें वायरल इंफेक्शन, एक जगह पर पानी में ज्यादा खारापन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, अच्छे मानसून की वजह से झील में ज्यादा पानी और उसकी वजह से पक्षियों को खाना ठीक से नहीं मिलना शामिल हैं.
विशेषज्ञ क्या कहते हैं
विशेषज्ञों का कहना है कि झील में कई जगह पानी का खारापन बढ़ गया है. साथ ही लंबी यात्रा कर आए पक्षियों को थकान में पोषण नहीं मिला और इससे उन्हें बीमारी हुई जो मौत का कारण बनी. इसके अलावा पानी में किसी तरह के बैक्टीरिया भी मौत की वजह हो सकते हैं. असली वजह तो जांच के बाद ही सामने आएगी. (तस्वीरें- महेंद्र शर्मा)