किन किन लोगों के गिरे पुतले?
अमेरिका में पुलिस के हाथों एक काले व्यक्ति की मौत के बाद दुनिया भर में प्रदर्शन शुरू हुए, जिनमें कई ऐतिहासिक हस्तियों के पुतले गिराए गए. लोगों का गुस्सा इन पुतलों पर क्यों निकला?
क्रिस्टोफर कोलंबस
अमेरिका के बॉस्टन में कोलंबस के पुतले का सिर धड़ से अलग कर दिया गया. इससे पहले वर्जीनिया में कोलंबस के एक अन्य पुतले को भीड़ ने तालाब में फेंक दिया था. मायामी में भी कोलंबस के पुतले के साथ तोड़ फोड़ हुई. कोलंबस को अमेरिका की खोज करने के लिए जाना जाता है. लेकिन वही कोलंबस अमेरिका के मूल निवासियों की प्रताड़ना के लिए भी जिम्मेदार थे.
जेफरसन डेविस
अमेरिका के वर्जीनिया में जेफरसन डेविस के भी दो पुतले तोड़े गए. ये 19वीं सदी के एक अमेरिकी नेता थे जो गुलामी को बढ़ावा देते थे और इनके पास खुद 113 गुलाम थे. जिस जमाने में ये अमेरिका में गुलामी का प्रचार और गुलाम बनाए गए लोगों का शोषण कर रहे थे, उस जमाने में यूरोप में गुलामी पर रोक लग चुकी थी.
लियोपोल्ड द्वितीय
ये बेल्जियम के राजा थे जिन्होंने 1885 से 1908 तक कॉन्गो पर भी राज किया. वहां रबर के बागान थे जिनमें स्थानीय लोगों से काम कराया जाता था. मजदूरों को यहां इतना प्रताड़ित किया जाता था कि इनके काल में एक से डेढ़ करोड़ अफ्रीकी लोगों की जान गई. ब्लैक लाइव्स मैटर के प्रदर्शनों के बाद बेल्जियम में जगह जगह इनके पुतले गिराए जा रहे हैं और सरकार देश भर से इन्हें हटाने पर विचार कर रही है.
विंस्टन चर्चिल
उनके नाम के नीचे लिखा गया, "नस्लभेदी था." 1943 में बंगाल में आए अकाल के दौरान भुखमरी से करीब 30 लाख लोगों की जान गई थी जिसके लिए चर्चिल को जिम्मेदार माना जाता है. चर्चिल ने इस दौरान जानबूझ कर वहां खाने का सामान भेजने से इंकार कर दिया था.
एडवर्ड कॉलस्टन
ब्रिटेन के ब्रिस्टल में प्रदर्शनकारियों ने एडवर्ड कॉलस्टन के पुतले को रस्सियों से बांध कर नीचे गिराया और फिर नहर में फेंक दिया. 17वीं शताब्दी ने कॉलस्टन ने अमेरिका से करीब 80 हजार महिला, पुरुषों और बच्चों को गुलाम बना कर अमेरिका में बेचा और इसके जरिए जो धन कमाया उसका निवेश ब्रिस्टल में किया. यही वजह है कि ब्रिस्टल में कई स्कूल, कॉलेज, इमारतें और सड़कें कॉलस्टन के नाम पर बनी हैं.
रॉबर्ट मिलिगन
लंदन के एक म्यूजियम के बाहर लगे मिलिगन के पुतले के साथ भी ऐसा ही हुआ. ये भी गुलामों की खरीद फरोख्त करने वाले व्यापारी थे. इस घटना के बाद लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि वे शहर की सभी सड़कों के नाम और वहां मौजूद पुतलों की जांच कराएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि गुलामी का कहीं भी महिमामंडन ना हो.
रॉबर्ट ई ली
ये 19वीं सदी में अमेरिका में हुए गृहयुद्ध में एक अहम नाम थे. ये लोगों को गुलाम बनाए जाने के खिलाफ थे लेकिन काले और गोरे लोगों को बराबरी के हक दिलाने को सही नहीं मानते थे. अमेरिका की अदालत इस पर सुनवाई कर रही है कि क्या इनके सभी पुतलों को हटा दिया जाना चाहिए.
हेनरी ग्रैडी
ये अमेरिका के जाने माने पत्रकार थे. अमेरिका में इनका नाम सम्मान से लिया जाता है, कई कॉलेजों के साथ यह नाम जुड़ा हुआ है. लेकिन ये एक व्हाइट सुप्रीमेसिस्ट भी थे. इनका कहना है था कि गोरे लोग हमेशा काले लोगों से बेहतर होते हैं और उन्हें किसी भी हाल में काले लोगों के सामने सिर नहीं झुकाना चाहिए. इसलिए अब अमेरिकी कॉलेजों के नाम से इनका नाम हटाने की बहस छिड़ गई है.
जेईबी स्टुअर्ट
अमेरिका में गुलाम रखने वालों की सूची निकालेंगे तो उसमें एक नाम इनका भी आता है. इनका पुतला भी गिराया गया और अब कम से कम अमेरिका में यह बड़ा सवाल उठ गया है कि लोग इस तरह से और किस किस के पुतलों को गिराएंगे.
नाम और भी हैं
सेसिल रोड्स, जेम्स कुक, हेनरी डंडास, जनरल विलियम्स कार्टर विकहैम समेत अमेरिका और यूरोप में कई लोगों के पुतले हटाए जाने की मांग की जा रही है. जॉर्ज फ्लॉएड की मौत ने लोगों को इतिहास के पन्नों को एक बार फिर ध्यान से पढ़ने पर मजबूर कर दिया है.
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore