नाइजीरिया में जुड़वां बच्चों का उत्सव
नाइजीरिया में इग्बो-ओरा शहर को "जुड़वां बच्चों की राजधानी" कहा जाता है. यहां एक खास उत्सव मनाकर जुड़वां बच्चों की ऊंची जन्म दर का जश्न मनाया गया. त्योहार में कई छोटे-बड़े जुड़वां जोड़े मौजूद थे.
पोज के लिए हो जाओ तैयार
जोरदार म्यूजिक, टैलेंट शो और यहां तक कि शाही मेहमान के साथ सैकड़ों लोग नाइजीरिया के दक्षिण-पश्चिम में स्थित इग्बो-ओरा शहर में जुड़वां बच्चों का जश्न मनाने के लिए जमा हुए. ओबा केहिंडे गबाडेवोले ओलुगबेनले ने कहा, "इग्बो-ओरा में शायद ही कोई ऐसा परिवार हो, जिसके घर में जुड़वां बच्चे न हों." ओलुगबेनले, नाइजीरिया में येवलैंड के सर्वोच्च शासक हैं और खुद भी जुड़वा हैं.
जुड़वां बच्चों का जलवा
जुड़वां बच्चों के इस त्योहार में छोटे-से-छोटे बच्चे शामिल हो सकते हैं. ये बच्चे एक जैसे कपड़े पहनते हैं. योरूबा संस्कृति में जुड़वां बच्चों का सम्मान किया जाता है और उनके पहले नाम पारंपरिक रूप से तय किए जाते हैं. सबसे बड़े बच्चे के लिए ताइवो का अर्थ है "वह जो दुनिया को चखता है" और दूसरे बच्चे के लिए केहिंडे का मतलब है "वह जो बाद में आया."
एक शानदार आयोजन
12 अक्टूबर को जब यह उत्सव शुरू हुआ, तो पूरा शहर उल्लास और आनंद के सागर में डूब गया. पारंपरिक नृत्य समूहों ने इस मौके पर रंगारंग कार्यक्रम पेश किए.
वीआईपी मेहमान
इस कार्यक्रम में येवलैंड के शासक के अलावा शहर के कई अन्य महत्वपूर्ण प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. इग्बो-ओरा से गुजरने वाले किसी भी व्यक्ति को अक्सर जुड़वां बच्चों के जोड़े दिखाई देंगे, जबकि वैश्विक जुड़वां दर प्रति 1,000 जन्मों में लगभग 12 है. अध्ययनों से पता चलता है कि इग्बो-ओरा में यह लगभग 1,000 जन्मों में 45 है.
उच्च जुड़वां दर का रहस्य
जुड़वां बच्चों के ऊंचे जन्म दर के लिए अलग-अलग कारण बताए जाते हैं. स्थानीय लोग आहार, खासतौर पर भिंडी के पत्ते और आंवला को इसका कारण मानते हैं. हालांकि, विशेषज्ञ संशय में हैं और कहते हैं कि आहार और जुड़वां बच्चों की उच्च दर के बीच कोई सिद्ध संबंध नहीं है.
वरदान हैं जुड़वां बच्चे
शहर में हर कोई इस बात पर सहमत है कि कई जुड़वां बच्चों का होना एक वरदान है. नाइजीरिया गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. रोजमर्रा की चिंताओं में घिरे लोगों के लिए इस तरह के आयोजन खुश होने का एक अवसर देते हैं.
सभी पीढ़ी के जुड़वां
इस उत्सव में हर उम्र के जुड़वां बच्चों का स्वागत किया जाता है. ओयो राज्य की राजधानी इबादान यूनिवर्सिटी में योरूबा संस्कृति के रिसर्च फेलो ताइवो ओजेवाले ने कहा कि जुड़वां बच्चों का उत्सव "पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है."
ईश्वर की तरफ से उपहार
सुलियात मोबोलाजी ने आठ महीने पहले जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था. वह कहती हैं कि तब से उनका परिवार उनपर उपहारों की बौछार कर रहा है. 30 साल की सुलियात ने कहा, "इसने मेरी जिंदगी बदल दी है." गोद में जुड़वां बच्चे लिए उन्होंने कहा, "आप जुड़वां बच्चों को जन्म देकर बदनसीब नहीं रह सकते. यह खुदा का उपहार है."