कंटेनर से माल भेजने के 65 साल
कंटेनर जहाज 26 अप्रैल, 1956 को दुनिया में पहली बार भेजा गया था. व्यापार का यह तरीका मैल्कम पी मैकलीन द्वारा पेश किया गया था. वह एक स्कॉटिश अमेरिकी थे और उन्होंने समुद्र के रास्ते व्यापार को एक नया आयाम दिया.
एक आदमी और उसके बक्से
1965 में जहाज-मालिक और फ्रेट फॉरवर्डर मैल्कम मैकलीन को विचार आया कि माल को अलग-अलग बक्से में रखने की बजाय अगर एक ही बड़े कंटेनर में रखा जाए तो समय के साथ-साथ पैसे की भी बचत होगी. इस विचार के कारण कंटेनर की खोज हुई. इस तरह से कंटेनर से माल भेजने की लागत कम हुई.
नौकरियों पर पड़ा असर
मैकलीन ने बंदरगाह व्यापार में क्रांति ला दी, जिससे दुनिया के बंदरगाहों में हलचल पैदा हो गई. वे उन लोगों के जीवन को आसान बनाना चाहते थे जो बंदरगाहों पर बोझ ढोते थे लेकिन इस खोज के कारण कई लोगों की नौकरी भी चली गई.
बड़ा मालवाहक जहाज
1956 में मैकलीन ने एक तेल टैंकर को खरीदा और इसे एक मालवाहक जहाज में बदल डाला. आज, समुद्र में बहुत बड़े कार्गो जहाज तैर रहे हैं. एक-एक मालवाहक जहाज कई हजार टन माल ढो सकते हैं.
जर्मनी पहुंचने वाले पहले कंटेनर
मई 1966 में, मैकलीन की कंपनी के जहाज द फैरलैंड ने ओवरसीज पोर्ट ऑफ ब्रेमेन में लंगर डाला और कंटेनरों की पहली खेप जर्मनी में उतारी गई. इस खेप में 110 कंटेनर थे. मैकलीन की कंटेनर सेवा समय के साथ संपन्न हो रही थी.
एक मानक कंटेनर
एक कंटेनर की लंबाई और चौड़ाई समय के साथ निर्धारित होती गई. मानक कंटेनर एक बीस फुट इकाई है. कंटेनर कोल्ड स्टोरेज सहित कई आकारों में आते हैं. जानवरों और बड़े माल के लिए कंटेनर का आकार बदलना संभव है, लेकिन सामान्य तौर पर उनका आकार समान है.
दिन और रात चलता रहता है काम
विश्व व्यापार का नब्बे प्रतिशत माल समुद्र के रास्ते भेजा जाता है. लोडिंग और अनलोडिंग की प्रक्रिया बंद नहीं होती है. दुनिया के सबसे प्रमुख बंदरगाहों से लाखों टन माल कंटेनर के द्वारा भेजे जाते हैं.
बंदरगाह रेल नेटवर्क से जुड़ा
देश में जहाजों से बंदरगाहों को माल की आपूर्ति करने के लिए, रेलवे ट्रैक को बंदरगाहों तक पहुंचाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई. हैम्बर्ग के बंदरगाह का अपना शिपिंग स्टेशन है. इस तस्वीर में क्रेन से कंटेनर को ट्रेनों पर लादा जा रहा है.
सुरक्षित प्रणाली
बंदरगाहों पर पहुंचने वाले माल की अच्छी डिलीवरी एक सुरक्षित प्रणाली के तहत ही संभव है. हैम्बर्ग के इस बंदरगाह में माल की आवाजाही की निगरानी के लिए एक बहुत ही कुशल प्रणाली है. यह सिस्टम एक एयरपोर्ट कंट्रोल टॉवर की तरह काम करता है.
तस्करी का जरिया
विश्व व्यापार में हजारों कंटेनरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है. प्रत्येक कंटेनर को खोलना संभव नहीं है, इसलिए तस्कर इस खामी का फायदा उठाते हैं और माल को कंटेनर में छिपाते हैं. इस तस्वीर में पाकिस्तानी ब्रिगेडियर अशफाक रशीद खान मादक पदार्थ के साथ खड़े नजर आ रहे हैं जो उनकी टीम ने कंटनेर से पकड़ा है.