कैसे बनी आधुनिक साइकिल
म्यूनिख के एक संग्रहालय में साइकिल के 150 सालों के इतिहास के सफर को दर्ज किया गया है. जानिए कैसे पहुंची साइकिल बड़े बड़े अगले पहियों वाले डिजाइन से अपने आधुनिक रूप तक.
शुरुआती दौर: पेनी फार्दिंग मॉडल
म्यूनिख के पिनाकोथेक डेर मॉडर्न संग्रहालय के "द बाइसिकल: कल्ट ऑब्जेक्ट, डिजाइन ऑब्जेक्ट" नाम के शो में सबसे पुरानी प्रदर्शित वस्तुओं में से है पेनी फार्दिंग मॉडल. 1869 के इस ऊंचे पहिए वाले मॉडल को पेरिस में यूजीन मेयर ने डिजाइन किया था. आगे का पहिया पिछले पहिए से काफी बड़ा था और उसी में पैडल लगे थे. इससे साइकिल ज्यादा तेज चल पाती थी, लेकिन यह डिजाइन काफी खतरनाक था.
पहियों में भरी गई हवा
करीब 20 सालों बाद साइकिल का डिजाइन बदला और ऊंचे अगले पहिए को अलविदा कह दिया गया. नए डिजाइन में हवा भरने वाले पहिए लगाए गए और पहियों की ऊंचाई भी कम कर दी गई. यह पहली चेन वाली साइकिल भी थी. म्यूनिख वाली प्रदर्शनी में एक फ्रांसीसी कंपनी द्वारा 1890 में बनाया गया मॉडल "हिरोंदेल" रखा गया है.
पीछे की तरफ झुका डिजाइन
1919 में ऑस्ट्रिया के इंजीनियर पॉल जेरे ने एक नए डिजाइन का आविष्कार किया जिसे उनकी याद में "जे-व्हील" नाम दिया गया. ये दुनिया की पहली रिकंबेंट साइकिलों में से थी, जिसे चलाने वाला पीछे की तरफ थोड़ी झुकी हुई मुद्रा में रहता है. यह पैडल की जगह तारों के जरिए एक लीवर से चलती थी. इसका उत्पादन 1920 के दशक में स्टुटगार्ट में होता था, लेकिन कई जानलेवा हादसों के बाद 1923 में इसका उत्पादन बंद कर दिया गया.
हवाई जहाज के एल्युमिनियम हिस्सों से बनी साइकिल
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1946 में फ्रांस के बोर्डो में रेये बार्डे ने एल्यूमीनियम से बने हवाई जहाज के हिस्सों से एक साइकिल बनाई. इसका अनोखा फ्रेम इसे आकर्षक बनाता था. आगे की तरफ मुड़े हुए हैंडल और चमड़े की सीट वाली यह साइकिल आज भी काफी लोकप्रिय हो सकती है.
जर्मनी में बनी आरामदायक, शहरी साइकिल
1982 में ओडो क्लोज नाम के औद्योगिक डिजाइन के एक जर्मन प्रोफेसर ने एक "आरामदायक" शहरी साइकिल बनाई. इसके घुमावदार फ्रेम की वजह से यह काफी आकर्षक थी और ठोस रिम और मोटी तिल्लियां इसकी खासियत थीं. जर्मन शहर एल्ड में स्पृक फाहरेडर परिवार की कंपनी इसे बनाती थी. यह कंपनी आज भी मौजूद है.
फिर आई रेसिंग बाइक, बिजली की तरह तेज
यह एक जापानी रेसिंग बाइक है और यह जितनी आकर्षक है उतनी आरामदायक नहीं है. इसे 1989 में तोगाशी इंजीनियरिंग ने डिजाइन किया था और यह अपने चमकीले लाल रंग की वजह से अलग ही दिखती है. इसका बिजली के आकार का फ्रेम और तिल्लियों की जगह डिस्क भी इसे अलग और आकर्षक बनाते हैं.
गोल भी, कोनेदार भी: एक फोल्डिंग बाइक
म्यूनिख में ही पैदा हुए औद्योगिक डिजाइनर रिचर्ड सैपर ने इस फोल्डिंग साइकिल के अलावा रेडियो, कुर्सियां, सिलाई मशीनें, गाड़ियां, कम्प्यूटर और टेलीफोन बूथ भी डिजाइन किए थे. इटली के मिलान में रहने वाले सैपर ने कई पुरस्कार भी जीते.
लकड़ी की साइकिल
लकड़ी की इस साइकिल का डिजाइन काफी विशिष्ट है. इसे 2014 में फ्रांसीसी इको-डिजाइनर पॉल ग्वेरिन और टिल ब्रेफस ने डिजाइन किया था. अपने असामान्य आकार और लकड़ी के फ्रेम की वजह से यह बाइक सस्टेनेबिलिटी की तरफ बढ़ती हुई जागरूकता का प्रतीक है. (पौला रोस्लर)