1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

थाईलैंड के मंदिर से निकल रहे हैं दर्जनों बाघ

१ जून २०१६

थाईलैंड में वन अधिकारी इस मंदिर से अब तक 40 बाघ निकाल चुके हैं. मंदिर में 130 से भी ज्यादा बाघ होने की बात कही जा रही है. अधिकारियों ने हर रोज 20-20 बाघों को निकालने की योजना बनाई है.

https://p.dw.com/p/1Iy4D
Thailand Tiger Temple
तस्वीर: Getty Images/T. Weidman

यह बौद्ध मंदिर बैंकॉक के पश्चिम में स्थित कंचनबुरी नाम की जगह में है. पिछले कुछ वक्त से बाघों की इतनी बड़ी तादाद ने इसे पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण बना दिया था. लोग यहां आ कर बाघों के साथ सेल्फी भी खिंचवाने लगे थे और बाघ के बच्चों को बोतल से दूध भी पिलाया करते थे.

मंदिर खुद को एक वन्य अभयारण्य के रूप में प्रस्तुत करता रहा है और पर्यटकों को वहां आने के लिए प्रोत्साहित भी करता है. लेकिन वन्य अधिकारियों को इसमें बाघों की तस्करी का शक है. उन्होंने पहले भी मंदिर से बाघों को छोड़ने की अपील की लेकिन मंदिर प्रशासन ने सहयोग करने से इंकार कर दिया. इसी साल जनवरी और फरवरी में दस बाघों को वहां से निकाला गया.

डिपार्टमेंट ऑफ नेशनल पार्क्स के उपनिदेशक एडीसर्न नुचडामरॉन्ग ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से इस बारे में कहा, "इस बार हमारे पास अदालत के आदेश हैं. पिछली बार की तरह नहीं, जब हमने मंदिर से सहयोग की मांग की थी और उन्होंने इनकार कर दिया था." नुचडामरॉन्ग ने बताया कि अदालत का आदेश मिलने के कुछ घंटों के भीतर ही उनकी टीम ने अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया था. सोमवार को सात और मंगलवार को 33 बाघों को मंदिर से बाहर निकाला गया. अब भी 97 बाघों को निकाला जाना बाकी है.

इस बीच पर्यटकों का आना अभी भी बंद नहीं हुआ है. अधिकारियों ने पर्यटकों से मंदिर के बाहर ही रहने की अपील की है और उन्हें ऑपरेशन के दौरान बीच में आने के खतरों के बारे में बताया जा रहा है. बाघों को सरकारी अभयारण्यों में भेजा जाएगा.

यह मंदिर पिछले कुछ समय से सुर्खियों में रहा है और इसी कारण थाईलैंड प्रशासन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बना हुआ था. मंदिर के पंडित और बौद्ध भिक्षु इस मामले पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. लेकिन बाघों को देख चुके कुछ पर्यटकों का कहना है कि उन्हें देख कर लगता है जैसे उन्हें नशीली दवाएं दी गयी हैं.

थाईलैंड वाइल्डलाइफ कंजरवेशन ऑफिस की अध्यक्ष तेउनजाई नूचदुमरॉन्ग ने बताया कि आने वाले दिनों में कितने बाघों को निकाला जाएगा, यह मौसम पर निर्भर करेगा. 300 अधिकारियों और 80 डॉक्टरों की टीम बाघों पर नजर रखे हुए है. नूचदुमरॉन्ग ने कहा कि भिक्षुओं को इस बारे में समझाना मुश्किल है लेकिन वह इस बात से संतुष्ट हैं कि मंदिर प्रशासन ने किसी तरह का प्रतिरोध नहीं दिखाया. उन्होंने कहा, "कुछ स्थानीय लोग इसके खिलाफ थे. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि हम बाघों को मंदिर से क्यों ले जा रहे हैं, जबकि वे यहां शांति से जी रहे हैं. हमने उनसे बात करने की, उन्हें समझाने की कोशिश की"

वन्य अधिकारी अब इस बात का पता लगाएंगे कि क्या बाघों की यहां से कहीं तस्करी भी की जा रही थी. यदि दवाओं के इस्तेमाल का प्रमाण मिलते हैं तो मंदिर प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. थाईलैंड में सरकार ने वन्य जीवों की रक्षा के लिए 2015 में नए कानून बनाए हैं लेकिन सरकार की लगातार आलोचना होती रही है कि कानून होने के बाद भी उन पर अमल नहीं किया जा रहा.

आईबी/वीके (रॉयटर्स, एपी)