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टाइम बम बनता ताइवान विवाद

१० अप्रैल २०२३

छोटे से ताइवान की 11 युद्धपोतों से घेराबंदी और आकाश में हमले की तैयारी जैसी उड़ान भरते चीनी फाइटर जेट, ताइवान की खाड़ी में अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है.

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ताइवान के पास चीन का विमानवाही युद्धपोत शानडोंग
तस्वीर: Japan's Ministry of Defense/AFP

ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इन-वे का अमेरिका जाकर अमेरिकी संसद के स्पीकर केविन मैकार्थी से मिलना चीन को इतना अखरा कि उसने ताइवान को घेरकर तीन दिन का सैन्याभ्यास शुरू कर दिया. आठ अप्रैल को शुरू किए गए इस अभ्यास में कई कदम बहुत आक्रामक थे. चीन की सरकारी टेलिविजन चैनल के मुताबिक इस मिलिट्री ड्रिल में परमाणु हथियार ढोने वाले एच-6 बॉम्बर विमान इस्तेमाल किए गए. उन पर असली मिसाइलें तैनात की गई थीं.

चीनी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया, "ताइवान की खाड़ी में, पश्चिमोत्तर और दक्षिणपश्चिमी ताइवान में और पूर्वी ताइवान के पानी में चीनी सेना ने हमले की पहल, अपने फायदेमंद प्रदर्शन का खेल, अहम ठिकानों को सीज करने के लिए आसान दांव पेंच और विरोधियों को रोकने के लिए तेज रफ्तार से आगे बढ़ने का हुनर दिखाया."

चीन ने हमला किया तो ताइवान को बचाएगा अमेरिका: बाइडेन

चीनी सेना, पीपल्स लिबरेशन आर्मी की ईस्टर्न कमांड के मुताबिक ड्रिल में विमानवाही युद्धपोत, शानडोंग ने भी हिस्सा लिया. प्रशांत महासागर में शानडोंग से चीन के फाइटर जेटों ने उड़ान भरी.

ताइवान पिछले एक हफ्ते से शानडोंग को ट्रैक कर रहा है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को चीनी वायुसेना की पिछले 24 घंटे की गतिविधि का मैप पब्लिश किया. इससे पता चला कि पूर्वी ताइवान में विमानवाही युद्ध पोत से उड़ान भरने वाले चार किस्म के जे-15 जेट्स शामिल थे. ताइवानी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सोमवार सुबह तक उसने ताइवान के आसपास 59 मिलिट्री एयरक्राफ्ट और 11 युद्धपोत ट्रैक किए.

बीजिंग के एक रेस्तरां में चीनी सैन्याभ्यास का प्रसारण
बीजिंग के एक रेस्तरां में चीनी सैन्याभ्यास का प्रसारणतस्वीर: Tingshu Wang/REUTERS

जापान भी सकते में

जापानी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रविवार को शानडोंग जापानी द्वीप समूह ओकीनावा के पास पहुंच गया. जापानी मंत्रालय का दावा है कि शुक्रवार से रविवार तक शानडोंग पर लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टरों के 120 टेक ऑफ और लैंडिंग ऑपरेशन हुए. शानडोंग के सपोर्ट के लिए तीन और युद्धपोत भी मौजूद थे. दक्षिणी जापान के ओकीनावा द्वीप में अमेरिकी वायुसेना का बड़ा ठिकाना भी है.

चीन ने दिया अमेरिका को जासूसी को सुनहरा मौका

जापान सरकार के शीर्ष प्रवक्ता के मुताबिक, उनका देश "ताइवान के आस पास चीनी सैन्याभ्यास को गहरी दिलचस्पी से देख रहा है." जापान के कुछ दक्षिणी द्वीप ताइवान के पास हैं. इनमें से कुछ पर चीन अपना दावा जताता रहा है. जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजु माटसुनो ने पत्रकारों से कहा, "ताइवान की खाड़ी में शांति और स्थिरता की अहमियत सिर्फ जापान की सुरक्षा के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि ये पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की स्थिरता के लिए जरूरी है."

दक्षिण चीन सागर में यूएसएस मिलियस
दक्षिण चीन सागर में यूएसएस मिलियसतस्वीर: Omar-Kareem Powell/AFP

चीन के सैन्याभ्यास के बीच इलाके में अमेरिकी युद्धपोत की दस्तक

ताइवान के मुद्दे पर चीन से संयम की अपील करने वाले अमेरिका ने सोमवार को विवादित दक्षिण चीन सागर में अपने युद्धपोत यूएसएस मिलियस भेज दिया. यूएसएस मिलियस एक गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है. अमेरिकी नौसेना ने इस बारे में एक बयान जारी करते हुए कहा, "नेवीगेशन की आजादी का ऑपरेशन, कानूनी रूप से समुद्र के इस्तेमाल, अधिकारों और स्वतंत्रता को सुरक्षित रखता है."

अमेरिकी नौसेना के मुताबिक युद्धपोत चीन, ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ब्रूनेई द्वारा अपना बताए जाने वाले द्वीपों के पास गुजरा है.

मिलियस की तैनाती से चीन की झल्लाहट बढ़ी है. चीन ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पानी में ये पोत गैरकानूनी घुसपैठिया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने चेतावनी देते हुए कहा है, "अगर हम ताइवान की खाड़ी में शांति और स्थिरता को बचाना चाहते हैं तो हमें ताइवान के स्वतंत्र अलगाव के हर रूप का दृढ़ता से विरोध करना होगा."

फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रोंतस्वीर: LUDOVIC MARIN/AFP/Getty Images

यूरोप को "तटस्थ" रहना चाहिए

ताइवान पर बढ़ते तनाव के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने यूरोपीय संघ से तटस्थता की मांग की है. हाल ही में तीन दिवसीय चीन यात्रा से लौटे फ्रेंच राष्ट्रपति ने रविवार को फ्रांस के अखबार ले इको को इंटरव्यू में यह बात कही.

माक्रों ने कहा, "हम ब्लॉक बनाम ब्लॉक के लॉजिक में नहीं फंसना चाहते हैं." उनके मुताबिक, यूरोप को "अव्यवस्थित होती दुनिया और जो संकट हमारे नहीं हैं, उनमें नहीं फंसना चाहिए."

ताइवान के साथ रिश्ते क्यों बढ़ा रहा है जर्मनी

फ्रांसीसी राष्ट्रपति के मुताबिक ताइवान को लेकर बढ़ रहा तनाव यूरोपीय संघ के हित में नहीं है, "हम यूरोपियनों से यह सवाल पूछा जा रहा है: ताइवान के मुद्दे पर बढ़ती रफ्तार क्या हमारे हित में है? नहीं. सबसे खराब चीज जो हम यूरोपीय कर इस मुद्दे पर कर सकते हैं, वो अमेरिकी लय और चीन के अतिप्रतिक्रियावादी रुख के मुताबिक ढल जाना. हम ऐसी धुन का हिस्सा क्यों बनें जो किसी और ने छेड़ी है?"

माक्रों ने जोर देते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि यूरोपीय संघ को "रणनैतिक स्वायत्ता" विकसित करनी चाहिए. रणनैतिक स्वायत्ता का मलतब है कि यूरोपीय संघ एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाए. फ्रेंच राष्ट्रपति के मुताबिक, "यूरोप ने यह रणनैतिक स्वायत्ता लंबे समय से तैयार नहीं की है."

ओएसजे/एए (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)