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मोदी सरकार को झटका, अलग हुई टीडीपी

१६ मार्च २०१८

चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी केंद्र में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन से अलग हो गई है. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा ना दिए जाने से नाराज एनडीए ने यह कदम उठाया.

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Indien Chandrababu Naidu in Neu-Delhi
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Sharma

अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले यह एनडीए में दूसरी टूट है. इससे पहले, शिवसेना एलान कर चुकी है कि वह 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिल कर नहीं लड़ेगी. तेलुगु देशम पार्टी के लोकसभा में 16 सदस्य है. लेकिन उनके एनडीए से निकल जाने पर मोदी सरकार की स्थिरता पर कोई आंच नहीं आएगी.

2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद से ही राज्य की सत्ताधारी तेलुगु देशम पार्टी केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा मांग रही है. राज्य सरकार का कहना है कि आंध्र प्रदेश से तेलंगाना अलग हो जाने के बाद उसे राजस्व का घाटा हुआ है और इसीलिए उसे केंद्र सरकार से विशेष मदद की जरूरत है.

टीडीपी के सांसद वाईएस चौधरी ने कहा, "हमने एक साथ रहने की बहुत कोशिश की लेकिन (केंद्र की) मौजूदा सरकार ने आंध्र प्रदेश के लोगों की भावनाओं की अनदेखी की." पिछले हफ्ते ही केंद्र सरकार में टीडीपी की तरफ दोनों मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद शुक्रवार को टीडीपी ने एनडीए से अलग होने का एलान कर दिया. 

दूसरी तरफ, बीजेपी ताजा संकट के लिए टीडीपी को जिम्मेदार बताती है और राज्य में अपनी ताकत बढ़ाने की बात करती है. पार्टी के प्रवक्ता जीवीएलएन राव कहते हैं, "आंध्र प्रदेश के लोग अब महसूस कर रहे हैं कि टीडीपी अपनी सरकार की नाकामियों को छिपाने के लिए झूठ का सहारा ले रही है." एनडीए में बिखराव ऐसे समय में देखने को मिल रहा है जब विपक्षी दलों के बीच अगले साल आम चुनाव को लेकर गोलबंदी की कोशिशें शुरू हो रही हैं. उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीटों पर बीजेपी की हार से विपक्ष खासा उत्साहित है.

एके/एनआर (रॉयटर्स)