ये हैं जर्मनी के सबसे खूबसूरत पुल
रोमन खंडहरों से आधुनिक इंजीनियरिंग के समय तक जर्मन पुल इतिहास से वर्तमान तक का सफर बयान करते हैं. कई बार टूटने, बिखरने और एकीकरण जैसी घटनाओँ के साक्षी ये पुल इतिहास की कई कहानियां खुद में संजोए हैं.
कुदरत की गोद में
1851 में बने बास्टेई पुल के कारण यात्री एल्बे नदी के 200 मीटर ऊपर, बड़े बड़े पत्थरों के बीच चल सकते थे. यह पुल बलुआ पत्थर से बनाया गया था. हर साल यहां सैकड़ों सैलानी आते हैं.
छत वाला पुल
कुछ प्राचीन जर्मन पुलों पर छत भी हुआ करती थी. राइन नदी पर बना होल्जब्रुएके (लकड़ी का पुल) जर्मनी के बाड सैकिंगेन को स्विट्जरलैंड के श्टाइन शहर से जोड़ता है. यह 1272 में बनाया गया था लेकिन मध्यकाल में बाढ़ से बर्बाद हो गया. इसे दोबारा 1700 में बनाया गया. यह यूरोप के छत वाले पुलों में सबसे ज्यादा, 204 मीटर लंबा है.
खूबसूरत मेहराब
1800 में जर्मनी में रेलवे लाइन के विस्तार के साथ तकनीकी चुनौतियां भी खड़ी हुईं. सेक्सनी राज्य की गोएल्श घाटी का पुल 1851 में जब खोला गया तो अपने मेहराबदार नक्काशी के अलावा सबसे ऊंचा रेल्वे पुल होने के लिए भी इसे जाना गया. यह आज भी दुनिया का सबसे बड़ा ईंट से बना पुल है.
एरफुर्ट का मध्यकालीन इतिहास
गेरा नदी पर बने इस रौनकदार पुल पर दोनों तरफ अब गैलेरियां और शिल्पकारों की दुकानें हैं. रोमन शासकों के समय जब क्रेमरब्रुके व्यापारिक रास्ता था, तब यहां सब्जी और फल बिका करते थे. यहां के मशहूर क्रेमरब्रुक फेस्टिवल के दौरान हर साल जून में इस पुल पर मध्ययुग की झलक दिखाई देती है.
डबल डेकर डिवाइडर
1961 में जब बर्लिन की दीवार बनाई गई तब ओबेरबाउम पुल बर्लिन के पूर्व और पश्चिम की सीमा बन गया. पुल पर चेकप्वाइंटों से सैनिक तटों की रक्षा करते थे. फ्रीडरिष्सहाइन और क्रॉएत्सबेर्ग जिलों को जोड़ने वाले इस पुल का डबल डेकर ढांचा 1989 में बर्लिन दीवार गिर जाने के बाद से शहर की एकता की निशानी है.
रोमन खंडहर
यह रोमन पुल जर्मनी का सबसे पुराना पुल है. शुरुआत में यह लकड़ी से बनाया गया था, जिसे बाद में रोमन शासकों ने पत्थर से बदल दिया. इसके पत्थर के खंबे दूसरी शताब्दी के हैं. पुल के ऊपरी हिस्से की 12वीं और फिर 18वीं सदी में फ्रांसीसी बमबारी के बाद मरम्मत की गई.
विस्फोटक पुल
1963 में शीत युद्ध के दौरान बनाए गए इस फेहमार्न पुल में चढ़ाई होने की आशंका के कारण विस्फोटक कक्ष बनाए गए थे. बाल्टिक सागर पर बना यह पुल फेहमार्न द्वीप को उत्तर पूर्वी जर्मनी से जोड़ता है. रास्ते के नीचे बने इन छ: कक्षों को पास के कंट्रोल रूम से नियंत्रित किया जाया था.
रेमागेन के खंडहर
रेमागेन का लुडेनडॉर्फ पुल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी के लिए कूटनीतिक दृष्टि से अहम रहा. मार्च 1945 में इस पर अमेरिकी सेना ने कब्जा कर लिया. नाजियों की भारी बमबारी में तो यह जैसे तैसे बच गया लेकिन कब्जे के 10 दिन बाद ही पुल ढह गया जिसमें कई सैनिक मारे गए. पुल के बचे हुए हिस्से को शांति स्मारक बना दिया गया.
प्यार के ताले
द्वितीय विश्व युद्ध में हवाई हमलों के दौरान कोलोन में सिर्फ होहेनजोलेर्न पुल ही बचा था. लेकिन आज यह पुल लोगों के प्यार की दास्तान सुनाता है. प्यार की सलामती के लिए इस पुल पर लटक रहे दसियों हजार तालों का वजन 200 किलो से ज्यादा आंका जाता है.
जहाजों का पुल
फिर से एकीकरण के बाद जर्मनी में पानी के रास्ते खुलने की मुहिम के दौरान 2003 में माग्डेबुर्ग पुल तैयार हुआ. इसकी मदद से जहाजों को पानी के छोटे रास्ते मिले. एल्बे नदी पर बना 900 मीटर लंबा यह पुल दुनिया का सबसे बड़ा पानी के जहाजों का पुल है.
तीन देशों के बीच
'थ्री कंट्रीज ब्रिज' स्विट्जरलैंड, जर्मनी और फ्रांस तीनों देशों को एक दूसरे से जोड़ता है. 2007 में राइन नदी पर बना 248 मीटर लंबा यह पुल पैदल चलने वालों और साइकल सवारों के लिए बना दुनिया का सबसे लंबा पुल है. 2008 में इसे जर्मन ब्रिज कंस्ट्रक्शन पुरस्कार दिया गया.
मेगा लेगोस
वुपरटाल का यह छोटा सा रेल्वे पुल किसी तकनीकी या वास्तुकला खासियत के लिए नहीं बल्कि रंगों के लिए मशहूर है. 2011 में ग्राफिटी कलाकार मार्टिन हॉयवोल्ड ने कुछ बेरोजगार लोगों की मदद से इसके बदरंग हो चुके पत्थरों में नए रंगों के साथ जान फूंक दी.