यूएन ने सीरिया में मदद भेजने पर रोक लगाई
२० सितम्बर २०१६अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संघ और रेड क्रीसेंट सोसाइटीज ने एक बयान में कहा है कि हमले में लगभग 20 लोग मारे गए हैं, जिनमें आम लोग और कई सहायताकर्मी शामिल हैं. हमले का निशाना बने 18 ट्रक 31 वाहनों वाले उस काफिले का हिस्सा थे जिससे सीरियन रेड क्रीसेंट के गोदाम पर खाद्य और अन्य जरूरी चीजों को उतारा जा रहा था.
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता येंस लाएर्के ने कहा कि सोमवार के हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा स्थिति का मूल्यांकन करेगा. अमेरिका का कहना है कि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि काफिले पर हमला सीरिया के लड़ाकू विमानों ने किया या फिर रूसी लड़ाकू विमानों ने. लेकिन अमेरिकी अधिकारी इसके लिए रूस को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जो सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार का समर्थन कर रहा है.
देखिए, आतंकियों ने क्या से क्या कर दिया
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किरबी ने कहा, “सीरिया और रूस की सरकारें जानती थीं कि ये ट्रक कहां जा रहे हैं, फिर भी सीरियाई लोगों की मदद करने में जुटे सहायताकर्मियों को मारा गया.” संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सीरियाई संघर्ष से जुड़े सभी पक्षों को बता दिया गया था कि सामान भेजा जा रहा है.
यह हमला सात दिन का आंशिक युद्धविराम खत्म होने की सीरियाई सेना की घोषणा के बाद हुआ है. ये संघर्षविराम रूस और अमेरिका का मध्यस्थता से हुआ. रूसी समाचार एजेंसी इंटरफेक्स ने रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव के हवाले लिखा है कि सीरिया में फिर से युद्धविराम की संभावानएं काफी कमजोर हैं. उन्होंने सीरिया के हालात को ‘गंभीर चिंता का विषय' बताया है. उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, हम कह सकते हैं कि हमारे अमेरिकी साथी तथाकथित उदारवादी विपक्ष से आतंकवादियों को अलग नहीं कर पाए हैं.” उन्होंने कहा कि रूसी सेना मानवीय सहायता काफिले पर हमले से जुड़ी खबरों पर ध्यान दे रही है.
तस्वीरों में, जब डूब गई जिंदगी
युद्धविराम खत्म होते ही एलेपो में फिर से हवाई हमले से शुरू हो गए जिनमें 35 लोग मारे गए. संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च मानवीय सहायता अधिकारी स्टीफन ओ ब्राइन ने चेतावनी दी है, “अगर पता चला कि सहायताकर्मियों पर हमला जानबूझ किया गया है तो ये युद्ध अपराध के बराबर होगा.”
एके/वीके (एएफपी, एपी)
दुखद खबर के बाद ये तस्वीरें सुकून देंगी