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महिला एक्टर वाले प्रोग्राम ना दिखाएं चैनलः तालिबान

२२ नवम्बर २०२१

अफगानिस्तान के शासक तालिबान ने टीवी चैनलों को फरमान जारी किया है कि महिला कलाकारों वालें प्रोग्राम ना दिखाएं. 20 साल पहले जब तालिबान सत्ता में था, तब महिलाओं के अधिकारों को बुरी तरह कुचल दिया गया था.

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Afghanistan Talibanned | Schönheits Salon Kabul
तस्वीर: Adek Berry/AFP

अफगानिस्तान के मीडिया को यह पहला निर्देश जारी किया गया है. नैतिकता मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है जिसमें महिला टीवी पत्रकारों को समाचार पेश करते वक्त इस्लामिक हिजाब पहनने का भी निर्देश दिया गया है.

मंत्रालय ने टीवी चैनलों ये यह भी कहा है कि ऐसी फिल्में या अन्य प्रोग्राम प्रसारित ना किए जाएं जिनमें पैगंबर मोहम्मद या अन्य पूज्य हस्तियों को दिखाया गया हो. मंत्रालय ने इस्लामिक और अफगान मूल्यों का पालन ना करने वाले कार्यक्रमों और फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया है.

ये नियम नहीं, निर्देश हैं

नैतिकता मंत्रालय के प्रवक्ता हकीफ मोहाजिर ने पत्रकारों को बताया, "ये कोई नियम नहीं बल्कि धार्मिक दिशा-निर्देश हैं.” इन नए दिशा-निर्देशों को रविवार को लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर साझा किया.

अगस्त में देश की सत्ता पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने बार-बार कहा था कि वे बदल गए हैं और उदारवादी तरीके से शासन करेंगे. लेकिन एक के बाद कई तरह के ऐसे नियम लागू किए जा रहे हैं जिन्होंने महिला अधिकारों पर काम करने वालों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.

कुछ समय पहले ही विश्वविद्यालयों में महिलाओं के पहनावे को लेकर नियम जारी किए गए थे. मीडिया की आजादी के वादे और दावे करने के बावजूद कई महिला पत्रकारों के साथ मार-पीट की खबरें भी आ चुकी हैं.

दो दशक में हुई तरक्की

टीवी चैनलों के लिए जारी नए दिशा निर्देश तब आए हैं जबकि लगभग दो दशक तक लोकतांत्रिक सरकार के तहत कई तरह के कार्यक्रम बनते और प्रचलित होते रहे हैं. पश्चिम समर्थित सरकार के तहत अफगानिस्तान ने देश में खासी तरक्की की थी. दर्जनों नए चैनल स्थापित हुए और इस क्षेत्र में खासा निजी निवेश भी हुआ.

इन दो दशकों में अफगानिस्तानी टीवी चैनलों ने दर्शकों के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम बनाए जिनमें अमेरिकन आइडल से मिलता-जुलता टैलेंट शो भी शामिल है. इसके अलावा म्यूजिक वीडियो के लिए मुकाबले भी टीवी पर दिखते रहे. साथ ही भारत और तुर्की के बने टीवी शो भी दिखाए जाते रहे हैं.

पिछली बार अफगानिस्तान ने 1996 से 2001 के बीच देश पर शासन किया था. तब देश में कोई मीडिया चैनल नहीं थे. टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे. सिनेमा और अन्य किस्म के मनोरंजन को अनैतिक माना जाता था.

उस दौर में यदि कोई टीवी देखता पकड़ा जाता था तो उसे सजा दी जाती थी और उसका टीवी तोड़ दिया जाता था. वीडियो प्लेयर रखने वाले को सार्वजनिक तौर पर कोड़े मारने जैसी कठोर सजाएं भी दी जाती थीं. तब एकमात्र रेडियो स्टेशन होता था जिसका नाम था वॉइस ऑफ शरिया. उस रेडियो स्टेशन पर सरकारी और इस्लामिक कार्यक्रम प्रसारित किए जाते थे.

वीके/सीके (एएफपी)

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