अमेरिका के परमाणु अस्त्रागार को धार देंगे ट्रंप
३१ जनवरी २०१८अमेरिकी राष्ट्रपति का यह भाषण लगभग एक घंटा 21 मिनट तक चला. अपने इस भाषण में उन्होंने अमेरिका के परमाणु अस्त्रागार को उन्नत बनाने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि चीन और रूस जैसे देश "अमेरिकी मूल्यों को चुनौती" दे रहे हैं. इस भाषण में उन्होंने अपनी एक साल की उपलब्धियों का बखान किया, जबकि नाकामियों पर कुछ नहीं कहा.
कैपिटोल हिल में कांग्रेस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, "अमेरिकी सपने को पूरा करने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता." प्रतिनिधि सभा के चैंबर में कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने अगले वर्ष के लिए व्यापार, आव्रजन, बुनियादी ढांचा और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी नीतियों सहित अपने प्रशासन के लक्ष्यों को रेखांकित किया.
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विदेश नीति पर ट्रंप ने कहा कि इराक और सीरिया से तकरीबन वह सारा क्षेत्र मुक्त करा लिया गया है, जो एक समय इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण में था. ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, "आईएस के पूरे सफाए तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी."
ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने कई बार उनके भाषण के दौरान खड़े होकर तालियां बजाईं जबकि विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने इस मौके पर खामोश रहना ही बेहतर समझा. अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों सीनेट और प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी का दबदबा है. ट्रंप ने डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसदों से मतभेद भुलाकर देश की जनता की भलाई के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की.
प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता नैंसी पेलोसी ने कहा कि ट्रंप भाषण में अपनी ही तारीफ करते रहे. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अमेरिका बेहतर स्टेट ऑफ द यूनियन भाषण का हकदार है. उनके मुताबिक ट्रंप बात एकता की करते हैं लेकिन खुद विभाजन के बीज बोते हैं.
अपने भाषण में ट्रंप ने ईरान में हुए हालिया प्रदर्शनों को "भ्रष्ट तानाशाही के खिलाफ लोगों का गुस्सा" बताया. उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान के "लोगों के आजादी के संघर्ष" में उनके साथ खड़ा है. उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से ईरान के साथ हुई परमाणु डील पर भी नए सिरे से विचार करने को कहा.
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उम्मीद के मुताबिक, उन्होंने "उत्तर कोरिया की क्रूर तानाशाही" का भी जिक्र किया, हालांकि किम जोंग उन का नाम उन्होंने नहीं लिया. उन्होंने कहा कि वह "पिछली अमेरिकी सरकारों वाली गलतियां नहीं दोहराएंगे जिनकी वजह से आज हम हम इस खतरनाक स्थिति में हैं."
साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति ने येरुशलम को फिर एक बार इस्राएल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की बात कही और इस फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में मतदान की आलोचना की. उन्होंने कांग्रेस से इस मुद्दे पर अमेरिका का विरोध करने वाले देशों की मदद रोकने को भी कहा. उनके मुताबिक, "अमेरिका के दोस्तों की मदद की जानी चाहिए, दुश्मनों की नहीं."
एके/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)