ऐसी ऐसी जगहों पर भी सौर ऊर्जा
सूर्य से ऊर्जा लेकर बिजली बनाने वाले सौर पैनल दुनियाभर में अनोखी जगहों पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं. देखिए कहां कहां पहुंचे रवि...
ऐसी ऐसी जगहों पर भी सौर ऊर्जा
तुर्की का यह चरवाहा अपना मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए सौर पैनल का प्रयोग करता है. लंबी यात्राओं के दौरान इस तरह के छोटे पैनल बहुत लोकप्रिय हैं. ये बैकपैक्स या टेंटों के लिए भी उपलब्ध हैं.
झोपड़ियों में
दक्षिणी सूडान के इस गांव टुकुल में बिजली तो नहीं पहुंची है लेकिन सौर ऊर्जा ने कमी नहीं रहने दी है. मोबाइल फोन चार्ज करने से लेकर छोटे लैंप जलाने जैसी अपनी रोजमर्रा की जरूरतें ग्रामीण सौर ऊर्जा से ही पूरी कर रहे हैं.
पानी पर
केन्या में इन लोगों ने पहला पानी पर तैरता सोलर प्लांट बनाया है. यह प्लांट राजधानी नैरोबी के नजदीक फूलों के एक खेत को बिजली सप्लाई करता है. कई और झीलों में भी ऐसे ही प्रयोग हुए हैं.
आसमान में
सोलर इंपल्स ना के इस जेट विमान ने कई चरणों में सिर्फ सौर ऊर्ज के दम पर दुनियाभर का चक्कर लगाकर इतिहास रच दिया था. इसके परों पर लगे सौर पैनल ऊर्जा पैदा करते हैं जिनसे इंजन की बैट्री चलती हैं.
पहाड़ों पर
स्विट्जरलैंड के बाजल में मुटजे झील पर बनी बांध की दीवारों पर एक विशाल सौर पैनल बनाया गया है. सर्दियों में यह काफी बिजली पैदा करता है क्योंकि बर्फ की चमक से ज्यादा ऊर्जा सौर पैनलों तक पहुंचती है.
खेतों में
कृषि में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बहुत तरह से हो रहा है लेकिन यूं डेनमार्क में फार्मड्रॉएड अनोखा ही है. बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए यह ट्रैक्टरनुमा मशीन खुद ही सारा काम कर लेती है. और थकती भी नहीं है. इसे जीपीएस से नियंत्रित किया जाता है.
अंतरिक्ष में
सौर पैनल अंतरिक्ष की लंबी उड़ानों को संभव बना रहे हैं. ये बृहस्पति तक पहुंच चुके हैं. इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन पर भी सोलर पैनलों का इस्तेमाल हो रहा है. शोधकर्ता अंतरिक्ष में सौर पार्क बनाने पर भी विचार कर रहे हैं.
समुद्र में
‘रेस फॉर वॉटर’ नाम की यह नौका दुनिया की सबसे बड़ी सौर नोका है. यह यॉट पूरी तरह स्वच्छ ऊर्जा पर चलती है और जीवाश्म ईंधन का कोई इस्तेमाल नहीं करती.