बदनाम जेल से छिपाकर लाए गए चित्र
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हाथ ये चित्र लगे हैं जो म्यांमार की इन्सीन जेल में बनाए गए थे. ये चित्र जेल की हालत का अद्भुत बयान हैं.
छिपाकर बाहर लाए गए चित्र
रॉयटर्स का कहना है कि ये चित्र म्यांमार की इन्सीन जेल में एक कैदी द्वारा बनाए गए हैं और इन्हें छिपाकर जेल से बाहर लाया गया.
2021 की तारीख
कुछ चित्रों पर चित्रकार ने अप्रैल से जुलाई 2021 के बीच की तारीखें लिखी हैं.
जेल की हालत
ये चित्र जेल की हालत के बारे में विस्तार से बयान करते हैं. कैदियों के रोजमर्रा के जीवन को देखा-समझा जा सकता है.
इन्सीन जेल
म्यांमार की इन्सीन जेल म्यांमार की पूर्व राजधानी यंगून के नजदीक स्थित है. 1988 से 2011 तक इस जेल को सैन्य जुंटा ने चलाया था.
बदनाम है जेल
ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि इन्सीन जेल को सैन्य जुंटा ने राजनीतिक कैदियों को प्रताड़ित करने के लिए प्रयोग किया है.
यातनाएं
मानवाधिकार कार्यकर्ता कहते हैं कि इन्सीन जेल में बंद कैदियों को यातनाएं दी जाती हैं.
अनुभव
इस जेल में रह चुके कुछ कैदियों ने अपने अनुभव सार्वजनिक किए थे जिनमें भयानक यातनाओं का वर्णन था. एक कैदी ने बताया था कि उनके पीछे कुत्ते छोड़ दिए जाते थे.
गोलीबारी
2008 में इन्सीन जेल में कैदियों पर गोलियां चलाई गई थीं जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी.
आंग सान सू ची भी रहीं
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची को 2003, 2007 और 2009 में इसी जेल में रखा गया था.
पत्रकार और कार्यकर्ता भी बंद
रॉयटर्स के दो पत्रकार वा लोन और क्याव सोए ऊ को 2017 से 2019 के बीच इसी जेल में बंद रखा गया था. 7 मई 2019 को उन्हें रिहा किया गया था.
म्यांमार में लोकतंत्र की लड़ाई
फरवरी 2021 में सेना ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकरा तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था. तब से देश में लोकतंत्र के खिलाफ लड़ाई जारी है और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर इस जेल में बंद किया गया है.