यूनेस्को विश्व धरोहर बनने के लिए जरूरी शर्तें
अरब की ओरिक्स सेंचुएरी, जर्मनी की ड्रेसडेन एल्बे वैली और अब लिवरपूल. ये तीनों जगहें यूनेस्को विश्वधरोहर की सूची से बाहर हो चुकी हैं. आखिर वो कौन सी शर्तें हैं जिनके आधार पर किसी जगह को यूनेस्को विश्व धरोहर करार देता है?
01.
इंसान की रचनात्मक प्रतिभा का मास्टरपीस.
02.
लंबे समय तक या दुनिया के एक सांस्कृतिक भूभाग पर वास्तुकला या तकनीकी विकास, स्मरणीय कला, टाउन प्लानिंग या लैंडस्कैप डिजायन और इंसानी मूल्यों का अहम आदान प्रदान.
03.
लुप्त हो चुकी या मौजूद, संस्कृति या फिर मानव सभ्यता की अनोखी नजीर पेश करना.
04.
इंसानी इतिहास के खास कालखंड को दर्शाने वाली इमारतों, वास्तुकला, तकनीकी हुनर या प्राकृतिक दृश्यों का अद्भुत उदाहरण.
05.
मुश्किल बदलावों के दौरान किसी बस्ती, जमीन या समंदर का ऐसा इस्तेमाल जो इंसानी सभ्यता की पंरपरा को दिखाए या फिर प्रकृति के साथ मनुष्य के संवाद का अनूठा उदाहरण हो.
06.
मौजूदा परंपराओं, घटनाओं, विचारों या विश्वास से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े ऐसी कलात्मक या साहित्यिक रचनाएं, जिसकी वैश्विक स्तर पर अहमियत हो. (समिति इस श्रेणी को अन्य श्रेणियों से जोड़ कर देखती है.)
07.
सर्वोत्तम प्राकृतिक घटना या अद्भुत प्राकृतिक खूबसूरती से भरा ऐसा इलाका जो सौंदर्य के लिहाज से अहम हो.
08.
पृथ्वी के इतिहास के अहम चरणों का उदाहरण जैसे, जीवन का रिकॉर्ड, जमीन का विकास करने वाली अहम भूगर्भीय गतिविधियां या पृथ्वी का नक्शा बदलने वाली गतिविधियां. पृथ्वी की सतह की भौतिक जांच के लिहाज से अहम इलाके भी इसमें शामिल हैं.
09.
क्रमिक विकास से जुड़ी सतत इकोलॉजिकल और बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं का जबरदस्त उदाहरण, जैसे पौधे और जीव व पृथ्वी, ताजा पानी, तटीय और समुद्री इकोसिस्टम का विकास.
10.
जैवविविधता के लिए सबसे जरूरी प्राकृतिक आवास, ऐसे इलाके जहां खतरे में पड़ी प्रजातियों को सुरक्षा मिले, साथ ही वे विज्ञान और संरक्षण के लिहाज से भी अहम हों.