जलवायु पर ऑस्ट्रेलिया की नीति पर सवाल
३ फ़रवरी २०२०दुनिया के शीर्ष 250 वैज्ञानिकों ने ऑस्ट्रेलिया की सरकार से जलवायु परिवर्तन को लेकर तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया है. वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन और जंगलों की आग को जोड़ते हुए वैज्ञानिक अध्ययन पेश किया.
वैज्ञानिकों ने अपने हस्ताक्षर वाले बयान में ऑस्ट्रेलिया से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और नेट जीरो को लेकर वैश्विक संधि में रचनात्मक रूप से भाग लेने को कहा है. नेट जीरो संधि के मुताबिक 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करना है. 250 वैज्ञानिकों में ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और अमेरिका के वैज्ञानिक शामिल हैं.
ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में जलवायु वैज्ञानिक प्रोफेसर नेरिली अब्राम के मुताबिक, "कई मायनों में यह पत्र जंगलों में लगी घातक आग के दौरान वैज्ञानिकों में पैदा हुई निराशा का फल है. दशकों से वैज्ञानिक नीति निर्माताओं को चेतावनी देते आए हैं कि जलवायु परिवर्तन ऑस्ट्रेलिया में जंगल की आग के जोखिम को और खराब करेगा फिर भी उन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया." उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया में किसी भी देश के मुकाबले प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन होता है."
इस पत्र के जरिए वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन और जंगल की आग के रिश्ते को दर्शाने की कोशिश की है. साथ ही पत्र में कहा गया है कि जंगल की आग का सीजन इस बार पहले शुरू हो गया और लंबा चला. इस दौरान बारिश भी कम हुई, जिससे तापमान में वृद्धि हुई. वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में होने वाले बदलाव के कारण आग और खतरनाक मौसम और अधिक सामने आएंगे.
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि जमीन और महासागर पर गर्म हवा के थपेड़े लंबे समय तक रह रहे हैं और ऐसी हालात बार-बार लौट रहे हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स कैनबेरा के प्रोफेसर जेसन शार्पल कहते हैं, जो हो रहा है वह खतरनाक है. उनके मुताबिक, "जबकि हमारी जलवायु तेजी से बदल रही है वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया की जलवायु परिवर्तन की नीति वहीं की वहीं है. "
ऑस्ट्रेलिया के जंगल पिछले कई महीनों से धधक रहे हैं और सरकार आग बुझाने में नाकाम साबित हो रही है. न्यू साउथ वेल्स में और कैनबैरा में आग के कारण रविवार रात दर्जनों घर खाक हो गए. जंगल की आग ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन पर भी दबाव बनाया है.
आलोचकों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव कम करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि जंगल की आग का मौसम लंबा खींच गया है. ऑस्ट्रेलिया में जंगल में आग लगना सामान्य है लेकिन आग इस बार सामान्य से बहुत पहले शुरू हो गई. आग की वजहों से तापमान 40 डिग्री के ऊपर पहुंच गया.
एए/ओएसजे (डीपीए,एपी)
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