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समाज

सऊदी अरब में 35 साल बाद सिनेमा पर रोक हटी

११ दिसम्बर २०१७

सऊदी अरब में 35 साल पहले सिनेमाघरों पर लगायी गयी पाबंदी को हटाने का फैसला किया गया है. सऊदी अरब के संस्कृति और सूचना मंत्रालय का कहना है कि मार्च में सऊदी अरब में सिनेमा खुल सकते हैं.

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Frankreich Cannes Film Festival
तस्वीर: Reuters/R. Duvignau

मंत्रालय का कहना है कि सऊदी अरब का बोर्ड ऑफ द जनरल कमिशन फॉर ऑडियोविजु्अल मीडिया सिनेमाघरों को लाइसेंस देने के लिए सहमत हो गया है. इस कदम को भी सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के 2030 विजन का हिस्सा माना जा रहा है जिसका मकसद तेल पर निर्भर देश सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में विविधता लाना है.

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सऊदी अरब के संस्कृति और सूचना मंत्री अव्वाद अल अव्वाद ने कहा, "सिनेमाघरों को खोलने से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और इससे विविधता आयेगी. एक व्यापक सांस्कृतिक सेक्टर तैयार कर हम नये रोजगार और ट्रेनिंग के अवसर पैदा करेंगे. साथ ही इससे सऊदी अरब में मनोरंजन के विकल्प भी समृद्ध होंगे."

मंत्रालय को उम्मीद है कि सऊदी अरब में 2030 तक लगभग तीन सौ सिनेमा होंगे, जिनमें दो हजार से ज्यादा स्क्रीनों पर फिल्में देखी जा सकेंगी. सऊदी अरब में 1980 के दशक के शुरुआत में सिनेमा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. तब से पहली बार अब इस प्रतिबंध को हटाने की बात हो रही है. सूचना मंत्री ने कहा कि पहला सिनेमाघर मार्च 2018 में खुलने की उम्मीद है. अधिकांश सार्वजनिक जगहों की तरह वहां भी पुरुषों और परिवारों के लिए संभवतः अलग अलग हिस्से होंगे.

सऊदी क्राउन प्रिंस का कहना है कि वह सऊदी अरब को "उदार इस्लाम" की तरफ ले जाना चाहते हैं और वह देश में कट्टरपंथी इस्लामी प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. हाल में सऊदी अरब में महिलाओं के ड्राइविंग करने पर लगी पाबंदी हटाने के फैसले के पीछे भी 32 वर्षीय क्राउन प्रिंस को माना जा रहा है. हाल के महीनों में सऊदी अरब ने कॉन्सर्ट, कॉमिक-कॉन पॉप कल्चर फेस्टिवल का आयोजन किया था जिसमें लोगों को पहली बार इलेक्ट्रॉनिक संगीत पर सड़कों पर नृत्य करते देखा गया.

कट्टरपंथी सिनेमा को सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के लिए खतरा मानते हैं. इसीलिए सऊदी अरब में सिनेमाओं पर पाबंदी लगायी गयी. जनवरी 2017 में ही सऊदी अरब के सबसे बड़े धार्मिक नेता ने सिनेमा को "अनैतिक" बताते हुए कहा कि इससे नैतिक मूल्य भ्रष्ट होंगे.

लेकिन दूसरी तरफ सऊदी फिल्मकारों का कहना है कि यूट्यूब के जमाने में सिनेमाघरों पर पाबंदी लगाये रखने का कोई मतलब नहीं है. इंटरनेट के माध्यम से सऊदी अरब की फिल्में दुनिया भर में पहुंच रही हैं और काफी सराही भी जा रही हैं. 

एके/एनआर (डीपीए, एएफपी)