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विवादरूस

इसी साल तैनात होगी रूस की नई एटमी मिसाइल

२३ अप्रैल २०२२

रूस ने अपनी नई परमाणु मिसाइल को अगले कुछ महीनों में तैनात करने का एलान किया है. हाल ही में टेस्ट की गई सरमत नाम की यह आईसीबीएम दुनिया में कहीं भी परमाणु हमले कर सकती है.

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रूस की नई आईसीबीएम सरमत
रूस की नई आईसीबीएम सरमततस्वीर: Russian Defence Ministry/AFP

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकॉसमोस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने परमाणु हथियार ढोने में सक्षम नई इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को इसी साल पतझड़ (सितंबर-नवंबर) तक सेना में शामिल करने का एलान किया है. एक टेलिविजन इंटरव्यू में रोगोजिन ने कहा, "हमारी योजना पतझड़ के बाद की नहीं है."

रूस ने सरमत नाम की इस मिसाइल का पहला परीक्षण 20 अप्रैल 2022 को किया. फर्स्ट टेस्ट के बाद ही मिसाइल को सेना में शामिल करने का एलान चौंकाने वाला है. आमतौर पर मिसाइलों को कई परीक्षणों से गुजरने के बाद ही सेना को सौंपा जाता है. इस प्रक्रिया में अकसर एक से तीन साल का समय लगता है.

रूस ने किया परमाणु मिसाइल का परीक्षण, पुतिन ने बताया ‘सर्वोत्तम’

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख के मुताबिक आने वाले दिनों में सरमत के लगातार टेस्ट किए जाएंगे. मिसाइल का पहला टेस्ट बुधवार को उत्तरी रूस के प्लेसेतस्क स्पेसपोर्ट में किया गया. रूस ने इस परीक्षण का वीडियो भी सार्वजनिक किया. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि यह हथियार रूस के दुश्मनों को दोबारा सोचने पर मजबूर करेगा. पुतिन ने कहा कि यह आईसीबीएम हर तरह के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भेद सकती है और धरती पर कहीं भी मार कर कर सकती है.

20 अप्रैल 2022 को सरमत का टेस्ट
20 अप्रैल 2022 को सरमत का टेस्टतस्वीर: Russian Defence Ministry/picture alliance

कोई भी टारगेट भेदने का दावा

सरमत की रेंज 18,000 किलोमीटर है. मिसाइल उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव का लंबा रास्ता लेने के बावजूद धरती के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकती है. यह मिसाइल एक बार में 10 परमाणु हथियार ढो सकती है.

फंडिंग और तकनीकी कमियों के कारण सरमत पर कई बरसों से काम चल रहा था. यूक्रेन युद्ध ने रूस को इस मिसाइल को फास्ट ट्रैक में डालने का बहाना दिया है. यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण इस वक्त अमेरिका और रूस, 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद उपजे सबसे जोखिम भरे विवाद में उलझे हैं.

रूसी अधिकारियों का कहना है कि पहली सरमत मिसाइल साइबेरिया के क्रासनोयार्स्क में तैनात की जाएगी. रोगोजिन का कहना है कि यह सुपर हथियार एक ऐतिहासिक लम्हा है. यह अगले 30-40 साल तक रूस के बच्चों और पोते-पोतियों की सुरक्षा तय कर देगा.

सरमत का पहला टेस्ट देखते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
सरमत का पहला टेस्ट देखते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिनतस्वीर: Russian President Press Office/dpa/picture alliance

पश्चिमी देशों का डर

यूक्रेन में 24 फरवरी 2022 से जारी भीषण जंग के फिलहाल थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. सरमत मिसाइल की तैनाती के एलान के बाद लग रहा है कि रूस भी लंबे युद्ध की तैयारी में है. युद्ध अगर सर्दियों तक खिंचा, तो नए समीकरण दिख सकते हैं. जर्मनी, पोलैंड, नीदरलैंड्स जैसे देशों में सर्दियों में घरों को गर्म रखने के लिए बड़े पैमाने पर रूसी गैस इस्तेमाल होती है. रूस से यूरोप बड़ी मात्रा में तेल और कोयला भी खरीदता है. यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोपीय देश सर्दियों के लिए अपना ऊर्जा भंडार भरने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि रूस पर निर्भरता कम से कम या करीबन खत्म की जा सके.

नाटो के सदस्य पश्चिमी देश यूक्रेन को बड़े पैमाने पर हथियार भी दे रहे हैं. अमेरिका, पोलैंड, ब्रिटेन, नीदरलैंड्स, स्लोवाकिया, लिथुएनिया और जर्मनी जैसे देश अब तक करीब पौने दो अरब डॉलर की सैन्य सामग्री कीव को दे चुके हैं. इसमें कई किस्म के आधुनिक हथियार भी शामिल हैं.

इस मदद के बावजूद नाटो के देशों ने अभी तक पश्चिम का कोई लड़ाकू विमान यूक्रेन को नहीं दिया है. नाटो ने बार-बार यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित किए जाने की कीव की मांग को भी खारिज किया है. अमेरिका और यूरोप को डर है कि यूक्रेन युद्ध में सीधा दखल देने पर तीसरा विश्वयुद्ध भड़क सकता है. जर्मन सरकार बार-बार यह चेतावनी दे रही है.

रूस ने बताया, कब किया जा सकता है परमाणु हमला

मार्च में संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुटेरेष ने भी कहा, "परमाणु युद्ध की संभावना, जो कभी कल्पना से भी परे हो चुकी थी, अब वह हकीकत के बहुत करीब लगती है."

ओएसजे/वीएस (डीपीए,रॉयटर्स)