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समाज

रिपोर्ट: ईरान पर हमले की तैयारी में थे ट्रंप

१७ नवम्बर २०२०

ईरान पर हमले की चर्चा ऐसे समय में हुई थी जब यह खुलासा हुआ कि ईरान के यूरेनियम भंडार परमाणु समझौते के तहत अनुमति से 12 गुना बढ़ चुके थे. 2015 में परमाणु समझौते के तहत यूरेनियम भंडार की सीमा तय की गई थी.

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तस्वीर: MANDEL NGAN/AFP

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पिछले सप्ताह ईरान के मुख्य परमाणु ठिकाने पर हमले का विचार कर रहे थे लेकिन आखिरकार उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसाल लिया. अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस पर एक रिपोर्ट छापी है. एक अमेरिकी अधिकारी ने अखबार को बताया कि पिछले गुरुवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने ओवल ऑफिस में हुई बैठक में अधिकारियों से इस बारे में पूछा था. इस बैठक में उप राष्ट्रपति माइक पेंस, विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ, नए रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर और चेयरमैन ऑफ जॉइंट स्टाफ जनरल मार्क मिल मौजूद थे.

यह बैठक ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा प्राधिकरण (आईएईए) के निरीक्षकों द्वारा ईरान के यूरेनियम भंडार को संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के तहत अनुमति मात्रा से 12 गुना तक बढ़ जाने के बाद की थी. अधिकारी ने अखबार को इस इस रिपोर्ट की पुष्टि की है कि सलाहकारों ने ट्रंप को ईरान पर हमले ना करने की सलाह दी थी, उन्होंने कहा था कि इससे बड़ा संकट पैदा हो सकता है. अधिकारी ने बताया, "उन्होंने विकल्पों के बारे में पूछा, सलाहकारों ने इसके दुष्‍परिणामों के बारे में उन्‍हें बताया और अंत में यह फैसला हुआ कि ईरान पर हमला नहीं किया जाए." इस रिपोर्ट पर व्हाइट हाउस ने प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है. निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की टीम ने भी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

ईरान के खिलाफ कड़ा रुख

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने शासन के दौरान ईरान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए रखा. साल 2018 में ट्रंप ने अमेरिका को ईरान के साथ परमाणु समझौते से बाहर कर दिया था, समझौता बराक ओबामा के दौर में हुआ था. इस समझौते पर कई यूरोपीय देशों जिसमें जर्मनी ने भी हस्ताक्षर किए थे.

ईरान और अमेरिका के बीच इस साल तनाव तब चरम पर पहुंच गया जब उसने ईरान के शीर्ष जनरल को हवाई हमले में मार दिया था और देश पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए थे. इसके जवाब में ईरान ने ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया और आसपास के अमेरिकी सैन्य अड्डे पर फायरिंग भी की थी.

संयुक्त राष्ट्र के लिए ईरान मिशन के प्रवक्ता अलीरेजा मीरयुसूफी ने कहा ईरानी परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और नागरिक उद्देश्यों के लिए है. उन्होंने कहा, "हालांकि, ईरान किसी भी सैन्य कार्य को रोकने के लिए या उस पर प्रतिक्रिया देने के लिए अपनी वैध ताकत के इस्तेमाल का प्रर्दशन करता आया है."

एए/सीके (डीपीए, रॉयटर्स)

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