कठोर मौसम और संघर्ष से बढ़ रहा विस्थापन
आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र और नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल की संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक संघर्ष और प्राकृतिक आपदाओं ने लाखों लोगों को देश के अंदर विस्थापित होने को मजबूर किया. यह संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है.
कोरोना काल में भी विस्थापन
डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर (आईडीएमसी) और नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल (एनआरसी) की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने लिए आवाजाही पर प्रतिबंध के बावजूद आंतरिक विस्थापन हुआ. पर्यवेक्षकों को उम्मीद थी कि पाबंदियों से आंतरिक विस्थापन कम होगा.
हिंसा, संघर्ष और प्राकृतिक आपदा
आईडीएमसी और एनआरसी की संयुक्त रिपोर्ट कहती है कि साल 2020 में तीव्र तूफानों, लगातार संघर्षों और हिंसा की घटनाओं के कारण देशों के भीतर कुल साढ़े चार करोड़ नए विस्थापन हुए.
नए विस्थापित
रिपोर्ट में बताया गया कि 10 सालों में विस्थापितों की यह रिकॉर्ड संख्या है. दुनिया भर में आंतरिक रूप से विस्थापन में रहने वालों की कुल संख्या साढ़े पांच करोड़ हो गई है.
"अभूतपूर्व संकट"
आईडीएमसी की निदेशक एलेक्जेंड्रा बिलाक कहती हैं, "इस साल दोनों संख्या असामान्य रूप से अधिक थी." वह इसे "अभूतपूर्व" बताती हैं. आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या बतौर शरणार्थी अब देश छोड़कर गए 2.6 करोड़ लोगों से दोगुनी हो गई है.
एशिया और प्रशांत के क्षेत्र प्रभावित
एशिया और प्रशांत के घनी आबादी वाले क्षेत्र तीव्र चक्रवात, मानसून की बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए थे, जबकि अटलांटिक तूफान का मौसम "रिकॉर्ड पर सबसे अधिक सक्रिय था." रिपोर्ट के मुताबिक, "मध्य पूर्व और उप-सहारा अफ्रीका में विस्तारित बारिश के मौसम ने लाखों और लोगों को विस्थापित किया."
भविष्य में विस्थापन बढ़ेगा?
आईडीएमसी की निदेशक एलेक्जेंड्रा बिलाक कहती हैं, "भविष्य में हम जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के साथ इन आपदाओं के बारंबार आने और तीव्र होने की उम्मीद कर सकते हैं, इस वजह से आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या बढ़ सकती है."
हिंसक संघर्ष के नए स्थल
आंतरिक रूप से विस्थापित लोग अक्सर प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद घर लौट जाते हैं, लेकिन आंतरिक विस्थापन में रहने वाले अधिकांश लोग युद्ध ग्रस्त क्षेत्रों से भागते रहते हैं क्योंकि उनके लिए लौटना अभी भी असुरक्षित है.
नई-नई जगह से विस्थापन
सीरिया, अफगानिस्तान और डीआर कांगो में लंबे समय से जारी संघर्ष के कारण लोग अपने घरों को छोड़ ही रहे हैं लेकिन अब इथियोपिया, मोजाम्बिक और बुरकिना फासो में हिंसा लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर कर रही है.
आर्थिक नुकसान
जलवायु परिवर्तन ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में गंभीर मौसम की स्थिति पैदा कर दी है. मौसम की यह स्थिति कम नहीं हो रही बल्कि लगातार बढ़ रही है. पिछले साल, ऑस्ट्रेलिया ने अत्यधिक गर्मी के कारण जंगल की आग में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी, तूफान की संख्या में भी वृद्धि हुई है और इससे कई देशों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है.