महारानी एलिजाबेथ II की सबसे यादगार यात्राएं
ब्रिटेन की शाही राजगद्दी को संभाले हुए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को 70 साल पूरे हो गए. इस दौरान उनकी अनगिनत आधिकारिक यात्राओं में से कुछ तो अपने आप में ही ऐतिहासिक हैं.
पहला आधिकारिक दौरा
सन 1947 में अपने माता पिता के साथ उनका पहला आधिकारिक दौरा दक्षिण अफ्रीका का था. तब वह राजकुमारी थीं. इस तस्वीर में अपने पिता किंग जॉर्ज VI, मां महारानी एलिजाबेथ और बहन प्रिंसेज मार्गरेट के साथ.
ऑस्ट्रेलिया और एबोरिजिनल लोग
पति प्रिंस फिलिप के साथ सन 1952 में वह केन्या में थीं और आगे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जाने की योजना थी. लेकिन पिता किंग जॉर्ज की मौत के कारण दौरा बीच में छोड़ आईं. फिर अगले साल महारानी के रूप में ऑस्ट्रेलिया गईं.
स्वागत ही स्वागत
सन 1954 के उनके ऑस्ट्रेलिया दौरे में पापुआ न्यू गिनी के मरीन सोल्जर्स की ओर से विशेष सम्मान का दृश्य. इस विश्व दौरे में उन्होंने 12 देशों की यात्रा की. इनमें न्यूजीलैंड, फिजी आइलैंड और टोंगा जैसे देश शामिल थे.
जर्मनी में वृक्षारोपण
अपने पहले आधिकारिक दौरे पर वह 1965 में जर्मनी आईं. उन्होंने बर्लिन के मशहूर टीयरगार्टन में एक पेड़ भी लगाया. इस मौके पर उनके साथ थे बर्लिन के तत्कालीन मेयर विली ब्रांट. 2015 में वह अपने चौथे दौरे पर जर्मनी में थीं.
बैंकॉक में एक रात
1972 में जब महारानी एलिजाबेथ थाईलैंड की महारानी सिरिकित से मिलीं तो उनके साथ पति फिलिप और बेटी ऐन भी थी. ऐसी दूरदराज की यात्राओं पर भी महारानी को पासपोर्ट नहीं ले जाना पड़ता. असल में उनका पासपोर्ट कभी बना ही नहीं.
टी टाइम
शाही परिवार के प्रवक्ता के अनुसार महारानी के लिए पासपोर्ट का कोई मतलब नहीं क्योंकि ब्रिटेन में सारे पासपोर्ट तो उन्हीं के नाम पर इश्यू होते हैं. यहां 1975 के जापान दौरे पर टी टाइम की फोटो. उनके टी पॉट यात्राओं में उनके साथ ही जाते हैं.
खून लेकर यात्रा
महारानी की यात्राओं में केवल उनका चाय वाला केतली सेट ही नहीं बल्कि किसी मेडिकल एमरजेंसी के लिए उनके खून की सप्लाई भी साथ चलती है. खाने पीने की पर्याप्त चीजें भी साथ चलती हैं और डॉक्टर भी. 1983 में भारत के दौरे की तस्वीर.
बैंकॉक में दूसरी रात
सन 1996 में महारानी ने थाई राजा सिंहभूम के गद्दी पर 50 साल पूरे होने के मौके पर हुए आयोजन में पहुंची. राजा को शाही शुभकामनाएं देने के अलावा उन्होंने क्राउन प्रिंस के साथ उनकी यूनिवर्सिटी का दौरा भी किया.
कनाडा की फैन
महारानी मिलने पहुंची और इनूइट महिलाएं अपनी जगह पर बैठी रहीं - यह अलग सा दृश्य पेश आया सन 1997 में कनाडा के लैब्राडोर इलाके के एक टेंट में. उन्हें कनाडा कितना पसंद है इसका अंदाजा लगता है वो अब तक 27 बार वहां जा चुकी हैं.
घर तो घर है
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती हुई. हर साल यहां महारानी का भाषण होता है. यह तस्वीर 11 मई 2021 को उनके संबोधन की है.