अफगानिस्तान ने दो दशक से नहीं देखा ऐसा भूकंप
अफगानिस्तान में आए भूकंप ने करीब 1,000 लोगों की जान ले ली. अमेरिका के नेशनल सेंटर्स फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन के मुताबिक ये हैं पिछले तीन दशकों में अफगानिस्तान में आए वो भूकंप जिन्होंने 100 से ज्यादा की जान ले ली.
1991, हिंदु कुश
पक्तिका में भूकंप के बाद का नजारा देखते लोग.अफगानिस्तान में भूकंपों का लंबा इतिहास है जिनमें से कई तो पाकिस्तान की सीमा से सटे पहाड़ी हिंदु कुश इलाके में आए थे. 1991 में इसी इलाके में आए एक भूकंप में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और सोवियत संघ में 848 लोग मारे गए थे.
1997, कायेन
पक्तिका में भूकंप के बाद का हाल. सुदूरवर्ती होने और दशकों से चल रहे अलग अलग युद्धों की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर बुरे हाल में है और इस वजह से इस इलाके में भूकंप से मरने वालों की संख्या अकसर काफी बढ़ जाती है. 1997 में अफगानिस्तान और ईरान की सीमा पर 7.2 तीव्रता के भूकंप ने दोनों देशों में 1,500 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी. 10,000 से ज्यादा घर भी बर्बाद हो गए थे.
फरवरी 1998, तखर
पक्तिका में भूकंप के बाद घायलों को ले जाते लोग. 1998 में सुदूर तखर प्रांत में आए भूकंप ने कम से कम 2,300 लोगों की जान ले ली थी. कुछ अनुमानों के हिसाब से 4,000 लोगों के मारे जाने की संभावना है.
मई 1998, तखर
पक्तिका में तालिबान के लड़ाके घायलों की मदद के लिए एक हेलीकॉप्टर को सुरक्षा देते हुए. मई 1998 में तखर में फिर से एक भीषण भूकंप आया और तबाही मचा गया. 6.6 तीव्रता वाले इस भूकंप ने 4,700 लोगों की जान ले ली.
2002, हिंदु कुश.
पक्तिका में भूकंप से टूटा हुआ एक घर. मार्च 2002 में हिंदु कुश इलाके में एक के बाद एक कर दो भूकंप आए जिनकी वजह से कुल 1,100 लोगों की जान चली गई.
2015, हिंदु कुश
यह तस्वीर बदगीस में जनवरी 2022 में आए भूकंप में टूटे एक घर की है. 2015 में आया यह भूकंप देश के इतिहास में सबसे तीव्र भूकंपों में से था. इसकी तीव्रता 7.5 आंकी गई थी. इसने अफगानिस्तान ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों पाकिस्तान और भारत में कुल 399 लोगों की जान ले ली. (रॉयटर्स)