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प्रेस स्वतंत्रताभारत

फोटो पत्रकारों के साथ दिल्ली पुलिस की बदसलूकी

आमिर अंसारी
२७ मार्च २०२४

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर फोटो पत्रकारों के साथ हाथापाई का आरोप लगा है. सोशल मीडिया में पत्रकारों के साथ पुलिस की हाथापाई की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. मीडिया संगठनों ने जांच की मांग की है.

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दिल्ली पुलिस के अधिकारियों पर फोटो पत्रकारों से बदसलूकी का आरोप (फाइल तस्वीर)
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों पर फोटो पत्रकारों से बदसलूकी का आरोप (फाइल तस्वीर)तस्वीर: Arvind Yadav/Hindustan Times/Sipa USA/picture alliance

मंगलवार को दिल्ली के पटेल चौक पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसी प्रदर्शन की कवरेज के दौरान फोटोजर्नलिस्ट्स के साथ दिल्ली पुलिस की हाथापाई का मामला सामने आया है.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के ऊपर फोटो पत्रकारों के साथ बदसलूकी का आरोप लगा है. टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक एक फोटोजर्नलिस्ट्स की कोहनी टूट गई है जबकि एक और फोटो पत्रकार की गर्दन पकड़े हुए पुलिस अधिकारी दिख रहा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि हाथापाई की शुरुआत एक फोटो पत्रकार की पुलिस से बहस से हुई. इस झगड़े में हिंदुस्तान टाइम्स के फोटो पत्रकार सलमान अली की कोहनी में फ्रैक्चर हो गया, जबकि इंडिया टुडे ग्रुप के फोटो पत्रकार अरुण ठाकुर के गले को एडिशनल डीसीपी (नई दिल्ली) रविकांत कुमार पकड़े हुए नजर आ रहे हैं.

अली ने अखबार को बताया, "पुलिस हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रही थी. एक अधिकारी ने एक फोटोग्राफर का कॉलर पकड़ लिया और जब हम फोटोग्राफर को बचाने गए, तो अन्य पुलिस अधिकारी भी शामिल हो गए और हमारे साथ मारपीट की. विवाद के दौरान एक अधिकारी ने मुझे धक्का दे दिया. मैं अपनी कोहनी के बल गिर गया और उसकी हड्डी टूट गई."

आरोपी अधिकारी ने अपनी सफाई में क्या कहा

एडिशनल डीसीपी कुमार ने दावा किया, "मैं अपने एक पुलिसकर्मी को बचाने की कोशिश कर रहा था. मुझे नहीं पता कि तस्वीर किस एंगल से ली गई थी, लेकिन इससे ऐसा लग रहा था कि मैं एक फोटो पत्रकार का गला दबा रहा हूं. मैंने केवल उसे धक्का देने की कोशिश की थी."

वर्किंग न्यूज कैमरामैन एसोसिएशन (डब्ल्यूएनसीए) ने एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को पत्रकारों के साथ बदसलूकी करते हुए देखा जा सकता है.

डब्ल्यूएनसीए ने अपने ट्वीट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय और दिल्ली पुलिस को भी टैग किया है और उचित कार्रवाई की मांग की है.

प्रेस क्लब ने की जांच की मांग

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा, "पत्रकारों और फोटो पत्रकारों पर किसी भी प्रकार का हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हम दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को यह भी याद दिलाना चाहेंगे कि प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कई मौकों पर कड़े शब्दों में रेखांकित किया है."

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने आगे कहा, "हम इस मामले की किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं. जांच जारी रहने तक हमलावर पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना चाहिए."

घटना के बाद कैमरापर्सन के एक समूह ने पुलिस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और इस मामले की शिकायत की. दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ने पीड़ित फोटो पत्रकारों को राहत का आश्वासन दिया.

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