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राष्ट्रपति मुर्मू: विश्व की समस्याओं का समाधान बना भारत

आमिर अंसारी
३१ जनवरी २०२३

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगातार दो बार स्थिर सरकार चुनने के लिए जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि मोदी सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार के रूप में रही है. उन्होंने कहा मोदी सरकार ने बिना डरे फैसले लिए.

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तस्वीर: Imtiyaz Khan/AA/picture alliance

राष्ट्रपति के रूप में संसद में अपने पहले संबोधन में मंगलवार को द्रौपदी मुर्मू ने लगातार दो बार स्थिर सरकार चुनने के लिए जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार के रूप में रही है.

मंगलवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से इसकी शुरूआत हुई. राष्ट्रपति ने संसद के सेंट्रल हाल में दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पिछले नौ सालों में दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है. पिछले साल जुलाई में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद मुर्मू ने पहली बार संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक, तीन तलाक, अनुच्छेद 370, प्रधानमंत्री अन्न योजना, जल जीवन मिशन, आत्मनिर्भर भारत समेत जैसे कई अहम मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा.

"भारत अन्य देशों की तुलना में राजनीतिक रूप से अधिक स्थिर"

मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "आज देश पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति से बाहर निकल चुका है और तेज विकास के लिए जाना जाता है, इसलिए हम 10वें स्थान से आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर हैं."

मुर्मू ने कहा कि देश की जनता को आजादी के 100 साल होने पर 2047 तक भारत को आत्मनिर्भर बनाना होगा. उन्होंने कहा, "2047 तक, हमें एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जो अतीत के गौरव से जुड़ा होगा और जिसमें आधुनिकता के सभी सुनहरे अध्याय होंगे. हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो 'आत्मनिर्भर' हो और अपने मानवीय कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम हो."

"भारत के लिए दुनिया का नजरिया बदला"

संसद को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "मेरी सरकार के नौ साल में भारत की जनता ने पहली बार कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं. सबसे बड़ा बदलाव यह है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास चरम पर है और दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदल गया  है. भारत विश्व की समस्याओं का समाधान बन गया है."

उन्होंने कहा, "आज इस सत्र के माध्यम से मैं देशवासियों के प्रति आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने लगातार दो कार्यकाल के लिए एक स्थिर सरकार चुनी है. मेरी सरकार ने हमेशा देश हित को सर्वोपरि रखा, नीति-रणनीति को पूरी तरह से बदलने की इच्छाशक्ति दिखाई."

मुर्मू: भारत में अब एक निडर, निर्णायक सरकार

राष्ट्रपति ने पिछले नौ साल में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी तारीफ की. हालांकि कई फैसले को लेकर मोदी सरकार की आलोचना अभी होती है. उन्होंने कहा, "सर्जिकल स्ट्राइक  से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, एलओसी से लेकर एलएसी तक हर दुस्साहस के कड़े जवाब तक, अनुच्छेद 370 को हटाने से लेकर तीन तलाक तक, मेरी सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार की रही है."

राष्ट्रपति ने कहा स्थिर और निर्णायक सरकार होने का लाभ हमें 100 साल की सबसे बड़ी आपदा और उसके बाद बनी परिस्थितियों से निपटने में मिल रहा है. दुनिया में जहां भी राजनीतिक अस्थिरता है, वे देश आज भीषण संकटों से घिरे हैं. लेकिन सरकार ने राष्ट्रहित में जो भी निर्णय किए उससे भारत बाकी दुनिया से बहुत बेहतर स्थिति में है.

सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर राष्ट्रपति ने सरकार की तारीफ की
सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर राष्ट्रपति ने सरकार की तारीफ कीतस्वीर: Manish Swarup/AP/picture alliance

राष्ट्रपति: महिला सशक्तिकरण पर सरकार का जोर

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार की हर योजना के केंद्र में महिलाओं के रोजगार, सशक्तिकरण, उत्थान का भाव रहा है. उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा जितनी भी कल्याणकारी योजनाएं शुरु की गई हैं, उनके केंद्र में महिलाओं का जीवन आसान बनाना, महिलाओं को रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर देना और महिला सशक्तिकरण रहा है. महिला उत्थान में जहां पुरानी धारणाओं और पुरानी मान्यताओं को तोड़ना भी पड़ा, उससे भी सरकार पीछे नहीं हटी है."

उन्होंने आगे कहा, "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सफलता आज हम देख रहे हैं. सरकार के प्रयासों से समाज में जो चेतना आई, उससे बेटियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है. देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है और महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले और बेहतर हुआ है. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान हो या फिर प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना, इनसे मां और बच्चे, दोनों के जीवन को बचाने में हम सफल रहे हैं. आयुष्मान भारत योजना की भी लगभग 50 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं ही हैं."

स्कूल छोड़ने वालीं लड़कियों की दर घटी

राष्ट्रपति ने कहा, "देश के सरकारी स्कूलों में बेटियों के लिए अलग टॉयलेट्स का निर्माण हो या फिरसैनिटेरी पैड्स  से जुड़ी योजना, इससे बेटियों के ड्रॉप आउट रेट में बहुत कमी आई है. स्वच्छ भारत अभियान से महिलाओं की गरिमा तो बढ़ी ही है, इससे एक सुरक्षित माहौल भी उन्हें मिला है."

राष्ट्रपति ने कहा, "सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी काम, किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश न हो. इसलिए माइनिंग से लेकर सेना में अग्रिम मोर्चों तक, हर क्षेत्र में महिलाओं की भर्ती को खोल दिया गया है. सैनिक स्कूलों से लेकर मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूलों तक में, अब हमारी बेटियां पढ़ाई और ट्रेनिंग कर रही हैं. सरकार ने मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया है."

भारत में उद्योगों के आने पर उन्होंने कहा कि मेड इन इंडिया अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का लाभ देश को मिलना शुरु हो चुका है. आज भारत में मैन्युफेक्चरिंग की अपनी क्षमता भी बढ़ रही है और दुनिया भर से भी मैन्युफेक्चरिंग कंपनियां भारत आ रही हैं.