यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के लिए उसे आठ साल का इंतजार करना पड़ा था. खतरनाक रसायनों के साथ एक्सपेरिमेंट करने के लिए उसके पास कोई लैब नहीं, बस एक स्टोर रूम था. रेडियोएक्टिविटी क्या होती है, ये उसी ने दुनिया को बताया. लेकिन खुद नंगे हाथों से रेडियधर्मी केमिकल को टेस्ट करती थी. अपनी लैब वाली ड्रेस को ही उसने अपनी शादी का जोड़ा बना लिया था. कहानी उस महिला की जिसे दो बार नोबेल पुरस्कार हासिल हुआ.