गायों के पेट से निकला इतना प्लास्टिक
प्लास्टिक के खतरों से अब कोई अंजान नहीं. इसीलिए अफ्रीकी देश केन्या में प्लास्टिक बैग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. केन्या के सबसे बड़े डंपिंग ग्राउंड में देखिए कैसे प्लास्टिक हमारी भोजन श्रृंखला में दाखिल हो रहा है.
कचरे से मुनाफा
केन्या की राजधानी नैरोबी के बाहरी इलाके में डंडोरा डंपिंग ग्राउंट पर अकसर ऐसा नजारा देखने को मिलता है. कचरा बीनने वालों को यहां ऐसी चीजों की तलाश रहती है जिन्हें फिर से इस्तेमाल किया जा सके या बेचा जा सके.
कचरा की कचरा
डंडोरा नैरोबी का मुख्य डंपिंग ग्राउंड है. जिस चीज को बहुत से लोग कचरा समझ कर फेंक देते हैं, उसी से ऐसे बहुत से जरूरतमंद लोगों की जिंदगी चलती है. यानी एक व्यक्ति के लिए जो कचरा है, दूसरे के लिए वही रोजी रोटी है.
भारी बोझ
कूड़ा उठाने वालों को वजन के हिसाब से पैसे मिलते हैं. कांच, धातु और प्लास्टिक के प्रति किलो के हिसाब से अलग अलग पैसे तय हैं. दिन अच्छा हो तो एक कूड़ा उठाने वाले को लगभग 3 यूरो यानी 220 रुपये तक मिल जाते हैं.
परिंदों की दावत
इस कचरे में ज्यादातर प्लास्टिक बैग्स होते हैं. लेकिन परिंदों को भी यहां खाने को काफी कुछ मिल जाता है. इसीलिए डंडोरा में ऐसे परिंदों का भी तांता लगा रहता है, जो फेंकी गयी खाने की चीजों से दावत उड़ाते हैं.
गाय भी हैं
खाने की तलाश गायों को भी डंडोरा डंपिंग ग्राउंड तक खींच लाती है. इन्हें भी ऑर्गेनिक कचरा खाने के लिए चाहिए लेकिन उसके साथ अक्सर प्लास्टिक भी उनके पेट में चला जाता है.
गंभीर समस्या
डांडोरा में चरने वाली कई गायें बाद में बूचड़खानों में पहुंचती है. वहां कटने के बाद कई गायों के पेट से प्लास्टिक निकलती है. दुनिया के कई हिस्सों में यह समस्या देखने को मिली है.
प्लास्टिक के खतरे
प्लास्टिक बहुत मुश्किल से खत्म होता है. उम्मीद है कि केन्या में प्लास्टिक बैगों पर लगी पाबंदी से इंसानी सेहत और पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभावों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.