जिनके शरीर से अचानक उगने लगे पेड़
दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या छह से भी कम होगी जो एपिडर्मोडिसप्लासिया वेरुसीफोर्मिस से पीड़ित हैं. इस बीमारी में इंसान के शरीर से पेड़ जैसी लताएं निकलने लगती हैं. मिलते हैं कुछ ऐसे ही लोगों से, जो इसके शिकार हैं.
ट्रीमैन
बांग्लादेश के अब्दुल बाजनदार को लोग ट्रीमैन के नाम से भी जानते हैं. दस साल पहले वह त्वचा की इस विकृति का शिकार बने, जिससे उनके हाथों और पैरों से पेड़ जैसी लताएं निकलने लगीं. रिक्शा चलाने वाले अब्दुल ने पहले तो इन्हें अनदेखा किया, लेकिन धीरे धीरे ये उनके हाथ और पैर इनसे घिर गए.
16 बार सर्जरी
ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में अब्दुल बाजनदार की 16 बार सर्जरी हुई और डॉक्टरों का कहना है कि वह जल्द अच्छे हो जाएंगे. इस बीमारी के चलते अब्दुल कई साल तक अपनी बेटी को छू भी नहीं पाए थे. जब मीडिया में उनकी खबर आई तो प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनका मुफ्त इलाज कराने का एलान किया था.
ट्रीगर्ल
बांग्लादेश की ही दस साल की एक लड़की के चेहरे पर पेड़ की शाखों जैसे दिखने वाले मस्से उभरने लगे. डॉक्टरों का कहना है कि सहाना खातून 'ट्री मैन सिंड्रोम' से पीड़ित पहली महिला हैं. सहाना के चेहरे और कानों के पास ये मस्से उभर रहे हैं. सहाना का इलाज भी ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में हो रहा है.
बेटी की चिंता
मजदूरी कर पेट पालने वाले सहाना के पिता मोहम्मद शाहजहां बताते हैं कि उनकी बेटी के चेहरे पर पहली बार ऐसा मस्सा उभरा तो उन्होंने ज्यादा चिंता नहीं की थी. लेकिन जब वह तेजी से बढ़ने लगा तो वह इलाज के लिए सहाना को ढाका लेकर आए.
ठीक होने की उम्मीद
सहाना के एक डॉक्टर का कहना है कि उसमें यह बीमारी अभी ज्यादा आगे नहीं बढ़ी है और उम्मीद है कि वह जल्दी अच्छी हो जाएगी. मोहम्मद शाहजहां कहते हैं, "हम बहुत गरीब हैं. मैं दुआ कर रहा हूं कि मेरी सुंदर बेटी के चेहरे से डॉक्टर पेड़ जैसी इन शाखाओं को निकाल दें.”
सब कुछ गया...
इंडोनेशिया के डेडे कोस्वारा भी इसी बीमारी के पीड़ित थे जिनकी फरवरी 2016 में मौत हो गई. अब्दुल और सहाना के परिवार जहां उनके साथ है, वहीं डेडे को इस बीमारी के चलते अपनी परिवार, नौकरी और आजादी सब कुछ गंवाना पड़ा. डॉक्टरों का कहना है कि आखिरी दिनों में डेडे ने जीने की उम्मीद ही छोड़ दी थी और वह बहुत ज्यादा सिगरेट पीने लगे थे.
कारगर इलाज नहीं
मार्च 2007 में रोमानिया के इयान टोएडर नाम के व्यक्ति में सबसे पहले एपिडर्मोडिसप्लासिया वेरुसीफोर्मिस का पता चला था. अभी तक इस बीमारी की रोकथाम के लिए कोई कारगर इलाज नहीं खोजा जा सकता है. ऐसे में डॉक्टर इससे निपटने के लिए कई तरीके आजमाते हैं. खास कर ऐसे उपाय किए जाते हैं जिनसे इन मस्सों को बढ़ने से रोका जा सके.