पाकिस्तान की मधुबाला को मिली सालों पुराने दर्द से मुक्ति
16 साल की मधुबाला कई साल से दांत के दर्द के साथ जी रही थी. आखिरकार 17 अगस्त को उसे इसे दर्द से मुक्ति मिली जब एक अनोखी विधि से उसका इलाज किया गया.
कराची की मधुबाला
कराची में रहने वाली 16 साल की हथिनी मधुबाला को सालों से दांत का दर्द था. इसकी वजह थी एक इंफेक्शन जो एक दांत के टूटने से हुआ था.
भारतीय अभिनेत्री के नाम पर
मधुबाला को यह नाम भारत की मशहूर फिल्म अभिनेत्री के नाम पर मिला है. वह उन चार अफ्रीकी हाथियों में से एक हैं जिनका कराची में एक विशेष विधि द्वारा इलाज किया गया.
अनोखी तकनीक का इस्तेमाल
जीवों के कल्याण में लगी संस्था ‘फोर पॉज’ के आठ विशेषज्ञों के एक दल ने यह इलाज किया. उन्होंने खड़े-खड़े बेहोश करने वाली तकनीक का इस्तेमाल किया.
एनेस्थीसिया घातक होता
दल का नेतृत्व कर रहे डॉ. आमिर खलील ने कहा, “आज हम चिड़ियाघर में पहली अनोखी प्रक्रिया की शुरुआत कर खुश हैं, जिसमें जानवर को खड़ा रखा जाता है. उन्हें सुलाया या पूरी तरह एनेस्थीसिया नहीं दिया जाता क्योंकि इससे हाथी की जान को खतरा हो सकता है.”
हाई कोर्ट की इजाजत लेनी पड़ी
इस इलाज के लिए कराची स्थित सिंध हाई कोर्ट ने ‘फोर पॉज’ को यात्रा की इजाजत दी थी. ऐसा तब हुआ जबकि स्थानीय प्राणी अधिकार कार्यकर्ताओं ने इन जानवरों की सेहत को लेकर चिंता जताई थी.
आंखों को किया गया टेप से बंद
मधुबाला की आंखों को टेप से बंद किया गया और टांगों को ग्रिल के साथ बांधा गया ताकि बेहोश किए जाने के बाद भी वह खड़ी रहे.
भारी-भरकम औजार
पशु चिकित्सकों ने ड्रिल और अन्य भारी-भरकम औजारों का प्रयोग किया और संक्रमित दांत को तोड़-तोड़ कर बाहर निकाला. डॉ. मरीना इवानोवा ने बताया, “बहुत लंबे समय तक इन्फ्लेमेशन रहने के कारण उत्तक बहुत नाजुक हो गए थे और उन्हें एक साथ बाहर निकालना संभव नहीं था.”
छह घंटे चला ऑपरेशन
मधुबाला का ऑपरेशन लगभग छह घंटे चला. इस दौरान हथिनी बेहोश रही और उसने ज्यादा विरोध नहीं किया. अन्य हाथियों की तकलीफ इतनी ज्यादा नहीं थी. उनके पांव का इलाज चल रहा है.